Kheti Kisani: बाढ़ के पानी से नहीं होगा धान की फसलों को नुकसान, ऐसे करें बचाव

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kheti Kisani: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई भीषण बारिश के चलते कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ के चलते किसानों की धान की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. अगर आप भी किसान वर्ग से आते हैं और आपके धान की फसल पानी से डूब गई और खत्म होने के कगार पर है तो आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने फसलों को आसनी से बचा सकते हैं.

कैसे करें फसलों का बचाव

दरअसल, जिन जगहों पर बाढ़ की वजह से धान की फसल को नुकसान हुआ है. वहां किसानों को अब बाढ़ का पानी निकलने के बाद खास एहतियात बरतनी की जरूरत है. जिससे फसल को बचाया जा सकता है. अगर पानी निकलने में देरी हो रही है तो आप उर्वरकों और कीटनाशक दवाओं की टॉप ड्रेसिंग करें. साथ ही यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करते रहें. ताकि आपकी फसलों को भरपूर मात्रा में खुराक मिल सके और फसल को बचाया जा सके.

पत्तियों को साफ करें…

फसलों के ऊपर तक भरा हुआ पानी अगर निकल गया हो तो ताजे पानी से छिड़काव कर पत्तियों को धोकर उस पर जमी मिट्टी को साफ कर लें. अगर पानी मेढ़ के नीचे है तो उसमें मिट्टी वाली खाद (डीएपी) डाले. साथ ही जिंक और यूरिया का स्प्रे करें. इससे बाढ़ के पानी में गले फसलों की भरपाई होगी और पौधा तेजी से विकसित होगा.

अगर बाढ़ के पानी के चलते फसल के 50% से अधिक पौधे मर गए हों या गल गए हो तो, उनकी देखभाल करने के बजाए जोतकर पुनः रुपाई करें. इससे कम लागत में बेहतर उपज होगी और दानों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. क्योंकि, ऐसा करने से खेत में होने वाले खर-पतवार नष्ट हो जाएंगे.

ध्यान रहे कि अगर आपके फसल में खर-पतवार अधिक मात्रा में है तो आप दवाओं का इस्तेमाल कम करें. बल्कि अगर संभव हो तो मजदूरों से इसे साफ करवा दें.

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