Kurukshetra News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से नौ दिसंबर को न्यायिक परिसर में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा. इस लोक अदालत में परिवादी सुलह एवं समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने मामलों का निस्तारण करा सकते हैं.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम नितिन राज ने के मुताबिक, कोर्ट में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. अगर किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति और राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवादों का निपटारा किया जाता है.
लोक अदालत (Lok Adalat) क्या है?
विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने का एक वैकल्पिक मंच है लोक अदालत. हर तरह के सिविल वाद तथा ऐसे अपराधों को छोड़कर जिनमें समझौता वर्जित है, सभी आपराधिक केसों को निस्तारण लोक अदालतों द्वारा किया जा सकता है. बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत के फैसलों के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है.
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