LK Advani Biography: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके ये जानकारी साझा की है. आइए हम आपको बताते हैं कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी और उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
बीजेपी के हैं संस्थापक सदस्य
आपको बता दें कि पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) अब 96 साल के हो चुके हैं. अभी वह भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं. आडवाणी जनसंघ के नेता और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य भी हैं. भारतीय जनता पार्टी आज सफलता के जिस शिखर पर है, उसमें लाल कृष्ण आडवाणी का अहम योगदान है.
लाहौर में हुआ था जन्म
खास बात ये है कि अखंड भारत में 8 नवंबर 1927 को आडवाणी का जन्म अखंड भारत के लाहौर में हुआ था, जो अभी पाकिस्तान का हिस्सा है. लाल कृष्ण आडवाणी का गुजरात से भी गहरा जुड़ाव रहा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि वह गांधीनगर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद भी रह चुके हैं. ये पार्टी के ऐसे नेता रहे जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई.
आरएसएस कराची के सेक्रेटरी भी रहे
आपको बता दें कि लाल कृष्ण आडवाणी मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई भी की है. उन्होंने ट्रेड यूनियन में भी अपनी सेवाएं दीं. जब 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ तब आडवाणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कराची के सेक्रेटरी भी थे. साल 1980 में बीजेपी के गठन के बाद आडवाणी ऐसे शख्स हैं, जो सबसे अधिक समय तक पार्टी में अध्यक्ष रहे. साल 1986-1990, 1993-1998 और 2004-2005 के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे.
पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) बतौर सांसद 3 दशक की लंबी पारी खेलने के बाद वह भारत के गृह मंत्री भी रहे. इसके बाद वह अटल जी की कैबिनट में (1999-2004) उप-प्रधानमंत्री भी बने.
लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन को लेकर रथ यात्रा भी निकाली थी. कहते हैं इसी के बाद राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन पूरे देश में खड़ा हो गया. यह मुद्दा भाजपा के लिए काफी फायदेमंद रहा. आज अयोध्या का भव्य राममंदिर बनना बिना राम मंदिर आंदोलन के संभव नहीं हो सकता था.
आडवाणी का सार्वजनिक जीवन प्रेरणा का स्त्रोत
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक लाल कृष्ण आडवाणी का सार्वजनिक जीवन बहुत लंबा और पारदर्शिता रहा. वहीं, उनकी निष्ठा और पार्टी के प्रति उनका समर्पण आज भी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कभी राजनीति का ककहरा सीखा था.
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा
पीएम मोदी ने आज एक्स पर जानकारी दी. उन्होंने लिखा, “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी. हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है. उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं.”