ISRO को मिली बड़ी सफलता! क्रायोजेनिक इंजन का हुआ सफल परीक्षण, लॉन्च व्हीकल मार्क-3 में होगा इस्तेमाल

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Launch Vehicle Mark-3: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने अपने क्रायोजेनिक इंजन की हॉट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि जिस क्रायोजेनिक इंजन की हॉट टेस्टिंग की गई है, वह इसरो के लॉन्च व्हीकल मार्क-3 में लगाया जाएगा. यह परीक्षण इसरो के तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में स्थित प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स में किया गया.

बता दें कि लॉन्च व्हीकल मार्क-3 एक त्रि-स्तरीय मध्यम भार लॉन्च व्हीकल है, जिसे इसरो ने ही विकसित किया है. इसरो के मुताबिक, हर मिशन के लिए क्रायोजेनिक इंजन को हॉट टेस्टिंग परीक्षण से गुजरना पड़ता है और यह किसी भी मिशन के लिए जरूरी है.

क्रायोजेनिक चरणों की तेजी से डिलीवरी में मिलेगी मदद

उन्‍होंने बताया कि परीक्षण के दौरान इंजन को 100 सेकेंड तक नोजल प्रोटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए निर्वात रहित स्थिति में रखा गया. इस परीक्षण से क्रायोजेनिक इंजन की उड़ान के समय आवश्यक सेटअप समय काफी कम हो जाएगा, जिससे अंतरिक्ष मिशनों के लिए क्रायोजेनिक चरणों की तेजी से डिलीवरी में मदद मिलेगी.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, परीक्षण के दौरान क्रायोजेनिक इंजन ने सभी उद्देश्यों को पूरा किया है. यह क्रायोजेनिक इंजन लॉन्च व्हीकल मार्क-3 के ऊपरी चरण में लगाया जाएगा. बता दें कि लॉन्च व्हीकल मार्क-3 को इस साल के मध्य में लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है.

नया हैवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल

दरअसल, लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3) इसरो का नया हैवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है, जो कि कम लागत से GTO (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) में 4000 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने की क्षमता रखता है. बता दें कि LVM3 एक तीन चरण वाला लॉन्च व्हीकल है, जिसमें दो ठोस प्रणोदक S200 स्ट्रैप-ऑन और कोर स्टेज शामिल हैं, जिसमें L110 लिक्विड स्टेज, C25 क्रायोजेनिक स्टेज, उपकरण बे (EB) और एनकैप्सुलेटेड असेंबली (EA) शामिल हैं.

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