New Delhi: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर 13 मई को वोटिंग होनी है. चौथे चरण में 96 सीटों पर वोटिंग होनी है. वहीं, 5वे चरण के लिए चुनावी प्रचार काफी तेज हो गया है. इस कड़ी में अमेठी से भाजपा की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर तंज कसा है. उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें राहुल गांधी ने पीएम मोदी से डिबेट करने की बात कही थी. उन्होंने अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर करने वाले राहुल गांधी की क्षमताओं पर सवाल उठाया. पिछले दो दशकों से अमेठी निर्वाचन क्षेत्र गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत का पर्याय रहा है,
जिसका प्रतिनिधित्व राहुल गांधी 2004 से 2019 में अपनी हार तक करते रहे हैं. बहस के लिए राहुल गांधी की चुनौती का जवाब देते हुए, अमेठी से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कहा, “सबसे पहले, जिस व्यक्ति में अपने तथाकथित महल में एक सामान्य भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ चुनाव लड़ने का साहस नहीं है, उसे इससे बचना चाहिए. शेखी नहीं बघारना चाहिए. दूसरा, जो पीएम मोदी के साथ बैठकर बहस करना चाहता है, मैं उससे पूछना चाहती हूं कि क्या वह ‘इंडिया गठबंधन’ का पीएम उम्मीदवार है?”
केवल कांग्रेस नेता ही सेना की वीरता पर उठा सकता है सवाल
वहीं, सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले को लेकर तेलंगाना के सीएम और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी के बयान पर भी स्मृति ईरानी बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा, केवल कांग्रेस नेता ही सेना की वीरता पर सवाल उठा सकता है. हम उनसे भारत की बहादुरी की कहानी सुनने की उम्मीद नहीं कर सकते. स्मृति ईरानी ने कहा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी की चिंता करनी चाहिए. वह गांधी परिवार के लिए सिर्फ एक एटीएम हैं. गांधी परिवार जल्द ही तेलंगाना में एक नया एटीएम का निर्माण करेगी। ये वह भी जानते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह और वरिष्ठ पत्रकार और ‘द हिंदू’ के पूर्व संपादक एन राम ने वीरवार को पीएम मोदी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनके सामने सार्वजनिक बहस का प्रस्ताव रखा था.
पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव अपने आधे पड़ाव पर पहुंच गया है और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के घोषणा पत्रों और प्रमुख मुद्दों के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, लेकिन कोई “सार्थक प्रतिक्रिया” नहीं हुई है. राहुल गांधी ने निमंत्रण का जवाब देते हुए अपने पत्र में कहा, “हमारी संबंधित पार्टियों पर लगाए गए किसी भी निराधार आरोप को खत्म करना भी महत्वपूर्ण है. चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं से सुनने की हकदार है. इसलिए या तो मुझे या कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसी बहस में भाग लेने में खुशी होगी. कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा के निमंत्रण को स्वीकार करती है. देश को यह भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस वार्ता में हिस्सा लेंगे.” पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, वह बहस में पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए “100 फीसदी” तैयार हैं. लेकिन, दावा किया कि प्रधानमंत्री सहमत नहीं होंगे.
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