Maha Kumbh 2025: असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने प्रयागराज में संगम पर भाजपा नेताओं के पवित्र स्नान पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनका बयान सनातन के खिलाफ मानसिकता को दर्शाता है. वे आत्मचिंतन करें और अपना रुख तय करें. सीएम सरमा ने कहा कि महाकुंभ पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ उनकी मानसिकता को दर्शाता है. मेरा मानना है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रुख है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया था.
क्या वह यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी जैसी समस्याएं हल नहीं होंगी? उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए यह समय है कि वे आत्मचिंतन करें और अपना रुख तय करें. केवल सत्ता और पद के लिए अपने विश्वास, अपने धर्म या इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करें. कोई भी नेता, कोई भी विचारधारा और कोई भी पार्टी आपके धर्म और विश्वास से ऊपर नहीं होनी चाहिए. सनातन धर्म सहस्राब्दियों से समय की कसौटी पर खरा उतरा है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसके सार को कमतर न आंकें. अपनी अंतरात्मा की आवाज पर चलें.
कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाया था यह सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता तब तक डुबकी लगाते हैं जब तक यह कैमरों में अच्छा दिखे. खरगे ने कहा था कि मोदी के झूठे वादों के झांसे में न आएं. क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म होती है? क्या इससे आपका पेट भरता है? जब बच्चे भूख से मर रहे हैं, स्कूल नहीं जा रहे हैं, मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है, तब ये लोग हजारों रुपये खर्च कर गंगा में डुबकी लगाने की प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.