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महाराष्ट्र देश में आर्थिक और सामाजिक मापदंडों पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में पहले स्थान पर है, जिसके बाद गुजरात और कर्नाटक का स्थान है. मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. केयरएज रेटिंग्स की स्टेट रैंकिंग 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र वित्तीय विकास में शीर्ष पर रहा और राज्य ने आर्थिक, राजकोषीय और सामाजिक स्तंभों में मजबूत प्रदर्शन किया.
वहीं, गुजरात लीडिंग इकोनॉमिक रैंक के साथ राजकोषीय और इंफ्रास्ट्रक्चर स्तंभों में अनुकूल परिणामों के साथ दूसरे स्थान पर रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप पांच रैंकिंग में पश्चिमी और दक्षिणी राज्य आगे बने हुए हैं. राजकोषीय, आर्थिक और वित्तीय विकास स्तंभ पश्चिमी राज्यों के लिए मजबूत बिंदु हैं, जबकि दक्षिणी राज्यों ने आर्थिक, वित्तीय विकास, पर्यावरण और शासन स्तंभों में अच्छा प्रदर्शन किया है.
वित्तीय विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, सामाजिक, राजकोषीय और आर्थिक स्तंभों के लिए मजबूत स्कोर के साथ गोवा ग्रुप बी (उत्तर-पूर्व, पहाड़ी और छोटे राज्य) में टॉप पर रहा. केयरएज के सीईओ मेहुल पंड्या (Mehul Pandya) ने कहा, रैंक देने की यह पहल राज्यों की दीर्घकालिक विकास क्षमता को समझने से जुड़ा प्रयास है. साथ ही विकास मॉडल की गुणवत्ता और समावेशिता पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है.
इससे सूचित निर्णय लेने में सुविधा होगी और भारतीय राज्यों में विविधता के अनुरूप मौजूदा नीतियों को बेहतर बनाया जा सकेगा. रिपोर्ट में सात प्रमुख स्तंभों आर्थिक, राजकोषीय, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय विकास, सामाजिक, शासन और पर्यावरण पर आधारित एक मूल्यांकन प्रस्तुत किया गया. प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी), जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और उद्योगों के लिए सकल स्थायी पूंजी निर्माण (GFCF) में मजबूत प्रदर्शन के कारण गुजरात आर्थिक स्तंभ में शीर्ष पर रहा.
सकल मूल्य वर्धित (GVA) में उद्योग और सेवाओं की उच्च हिस्सेदारी और FDI में उत्साहजनक प्रदर्शन के साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र का स्थान आता है. कुल मिलाकर, पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों ने स्वस्थ प्रति व्यक्ति जीएसडीपी, उद्योग और सेवाओं की उच्च हिस्सेदारी और मजबूत एफडीआई के साथ आर्थिक रैंकिंग में अपना दबदबा बनाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिक्किम कैटेगरी बी में सबसे ऊपर है, जिसे प्रति व्यक्ति जीएसडीपी में उत्साहजनक प्रदर्शन और जीवीए में उद्योग और सेवाओं की उच्च हिस्सेदारी से मदद मिली है.
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड ने कैटेगरी बी में राजकोषीय घाटे, स्वयं के कर राजस्व, बकाया देनदारियों और गारंटियों में बेहतर परिणामों के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा पर सरकार द्वारा अपेक्षाकृत बेहतर खर्च के कारण अच्छा प्रदर्शन किया. राजस्व घाटा, ब्याज भुगतान, ऋण प्रबंधन, बकाया देनदारियों और गारंटी के मामले में ओडिशा राजकोषीय रैंकिंग में सबसे आगे रहा. ओडिशा के बाद गुजरात और महाराष्ट्र का स्थान रहा.
वित्तीय विकास के मामले में महाराष्ट्र ने बैंकों और NBFC द्वारा ऋण वितरण, म्यूचुअल फंड और स्वास्थ्य बीमा की पहुंच में अच्छा प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान रहा. हरियाणा ने NBFC ऋण, PMJDY खाते में शेष राशि, जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड की पहुंच के बेहतर परिणामों के आधार पर तीसरा स्थान प्राप्त किया. सामाजिक मूल्यांकन में केरल सबसे आगे रहा, क्योंकि अधिकांश संकेतकों में राज्य को मजबूत अंक मिले.
इसी तरह, तमिलनाडु ने भी अधिकांश संकेतकों में अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, बेरोजगारी के मोर्चे पर केरल पिछड़ गया. कारोबारी माहौल, अदालती सजा दर, अदालती मुकदमों की समाप्ति और न्यायाधीशों की संख्या के मामले में बेहतर अंकों के आधार पर शासन स्तंभ के मूल्यांकन में आंध्र प्रदेश शीर्ष पर रहा.