Maharashtra: उनका चुनाव चिह्न जलती हुई मशाल है और यह घरों में आग लगाने और समुदायों के बीच फूट डालने का काम करती है। उक्त बातें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना पार्टी का मजाक उड़ाते हुए कही। सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि चांदी की चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग लाड़की बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता 1,500 रुपये का मूल्य नहीं समझेंगे।
उन्होंने बेच दिया है अपना चुनाव चिह्न मशाल: शिंदे
सीएम एकनाथ शिंदे ने परांडा में यूबीटी द्वारा पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारने पर कहा, ”उन्होंने अपना चुनाव चिह्न मशाल बेच दिया है और इस निर्वाचन क्षेत्र को भी छोड़ दिया है। जलती मशाल क्रांति का प्रतीक नहीं है, बल्कि घरों में आग लगाने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने का एक माध्यम है।” वे (शिवसेना-यूबीटी) जानते थे कि वे इस निर्वाचन क्षेत्र को खोने जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह क्षेत्र किसी और को दे दिया।
सीएम शिंदे ने आगे कहा, ”जिस दिन (अविभाजित) ‘धनुष और तीर’ प्रतीक वाली शिवसेना ने कांग्रेस से हाथ मिलाया, वह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन था। शिवसेना पीछे चली गई और इसलिए हमने विद्रोह कर दिया और तानाजी सावंत मेरे साथ आ गए।”
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