Mahashivratri Ujjain: आज महाशिवरात्रि पर्व पर पूरे देश में आस्था की बयार बह रही है. नर हो या नारी, सभी शिव की भक्ति में मगन हैं. इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की धूम पिछले नौ दिनों से जारी है, लेकिन, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की मंगल बेला में बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीष देने के लिए डेढ़ घंटे पहले ही जागे.
रात ढाई बजे खोले गए मंदिर के पट
रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद भस्मआरती की शुरूआत हुई. रात ढाई बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की शुरुआत होने के साथ ही मंदिर के पट 44 घंटे के लिए खुल गए और चार प्रहर की पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई.
पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया
महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि मंदिर में शुक्रवार रात्रि 2:30 बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया. दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया.
बाबा महाकाल का किया गया अलौकिक श्रृंगार
प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया. कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को रजत का मुकुट रुद्राक्ष और पुष्पों की माला धारण करवाई गई. बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार कर ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढंककर भस्म रमाई गई. भस्म आरती में हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के जयघोष से गुंजायमान हो गया.
मुख्यमंत्री यादव ने पत्नी के साथ की बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना
इधर, महाशिवरात्रि महापर्व पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्नी के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन-पूजन किए. उन्होंने महादेव के एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना कर प्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की. श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी आकाश शर्मा ने विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई.