कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने की कई मुद्दों पर चर्चा, जानिए क्‍या कुछ कहा…

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समीक्षा की है. इसके साथ ही खड़गे ने इन चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर चिंता भी व्यक्त की है. इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आंतरिक मतभेदों और ईवीएम पर उठ रहे सवालों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.

एक नई ऊर्जा के साथ कांग्रेस ने की थी वापसी

मल्लिकार्जुन खड़गे ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में कांग्रेस की संभावित वापसी की सराहना करते हुए कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस ने एक नई ऊर्जा के साथ वापसी की थी, लेकिन फिर तीन राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी अपेक्षाओं के अनुसार नहीं रहे. इंडिया ब्लॉक ने चार में से दो राज्यों में सरकार बनाई, लेकिन हमारा प्रदर्शन उम्मीद से कम था. यह हमारे लिए एक चुनौती का संकेत है.

कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हमारी व्यक्तिगत जीत

उन्‍होंने आगे कहा, हमें इन चुनावी नतीजों से सीखा हुआ पाठ तुरंत संगठन के स्तर पर लागू करना होगा और अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए कदम उठाने होंगे. ये नतीजे हमें एक संदेश दे रहे हैं. मैं हमेशा कहता हूं कि आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमारे लिए नुकसानदेह साबित हो रही है. खड़गे ने कहा, हम सभी को यह समझना होगा कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हमारी व्यक्तिगत जीत है और हार में हम सभी की हार है. पार्टी की ताकत ही हमारी ताकत है.

हमें समयबद्ध और रणनीतिक तरीके से करनी होगी तैयारी

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आगे कहा, चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था, लेकिन केवल माहौल का होना जीत की गारंटी नहीं है. हमें माहौल को परिणामों में बदलने की क्षमता विकसित करनी होगी. उन्‍होंने कहा कि हमें समयबद्ध और रणनीतिक तरीके से तैयारी करनी होगी. संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाना होगा और मतदाता सूची से लेकर मतों की गिनती तक हर कदम पर सजग और सतर्क रहना होगा. हमारी तैयारी शुरू से लेकर मतगणना तक इस तरह से होनी चाहिए कि हमारे कार्यकर्ता और सिस्टम मुस्तैदी से काम करें.

एक संवैधानिक संस्था है चुनाव आयोग

कई राज्यों में हमारे संगठन की स्थिति उम्मीद के मुताबिक नहीं है. हम चुनाव भले ही हार गए हों, लेकिन यह सही है कि बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक विषमता और अन्य ज्वलंत मुद्दे हमारे सामने हैं. खड़गे ने मीटींग में ईवीएम के मुद्दे पर कहा, “मैं मानता हूं कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया पर संदेह उत्पन्न किया है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. फिर भी देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का संवैधानिक कर्तव्य है. सवाल बार-बार उठ रहे हैं कि यह कर्तव्य कितनी सफलता से निभाया जा रहा है.

चुनाव लड़ने के तरीकों में हमें लाने होंगे बदलाव

खड़गे ने आगे कहा, हमें चुनाव लड़ने के तरीकों में बदलाव लाने होंगे. समय बदल चुका है और चुनाव लड़ने के तरीके भी बदल गए हैं. हमें अपनी माइक्रो-कम्युनिकेशन रणनीति को विरोधियों से बेहतर बनाना होगा. हमें प्रचार और अफवाहों से लड़ने के तरीके भी ढूंढने होंगे. पिछले परिणामों से हमें सीखने की जरूरत है, कमियों को सुधारना होगा और आत्मविश्वास के साथ कड़े फैसले लेने होंगे. हमारी बार-बार की हार से फासीवादी ताकतें मजबूत हो रही हैं और राज्य की संस्थाओं पर कब्जा जमा रही हैं.

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