यदि किसी जगह का बदला नाम तो होगी सजा, इस राज्य की सरकार ने बनाया कानून

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Changing Names Of Places: सरकार द्वारा पिछले कई सालों से जगहों के नाम बदले जा रहे हैं. लेकिन मणिपुर सरकार ने किसी भी जगह का नाम बदलने पर रोक लगा दिया है. बता दें कि मणिपुर विधानसभा ने सक्षम प्राधिकार की मंजूरी के बिना स्थानों का नाम परिवर्तन करने को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी एक विधेयक पारित कर दिया है.

सीएम एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को मणिपुर विधानसभा में ‘मणिपुर स्थानों का नाम विधायक, पेश किया था, जिसे सदन में आम-सहमति के बबाद पारित कर दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

सीएम ने दी जानकारी

मणिपुर के मुख्ययमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधेयक पारित होने के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा कि ‘‘मणिपुर राज्य सरकार हमारे इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और पुरखों से चली आ रही विरासत की रक्षा करने को लेकर गंभीर है. हम बिना सहमति के स्थानों का नाम बदलना और उनके नामों का दुरुपयोग करना बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस अपराध के दोषियों को सख्त कानूनी दंड दिया जाएगा.’’

नाम बदलने वालों पर लगेगा जुर्माना

मणिपुर के मुख्ययमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा जारी विधेयक के मुताबिक, सरकार की सहमति के बिना गांवों/स्थानों का नाम बदलने के दोषियों को अधिकतम 3 साल की जेल की सजा दी जा सकती है और उन पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस दौरान सीएम बीरेन सिंह ने कहा था कि ‘‘ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें चुराचांदपुर को लमका और कांगपोकपी को कांगुई कहा गया है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. सीएम एन बीरेन सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने स्थानों/गांवों को दिए सभी नए नाम पहले ही रद्द कर दिए हैं.”

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