Appointment of Election Commissioners: लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस बीच शनिवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में होने वाली बैठक के लिए नोटिस जारी किया था. जानकारी के मुताबिक, दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में 15 मार्च को उच्चस्तरीय कमिटी की बैठक होनी है. सुप्रीम कोर्ट को कांग्रेस नेता ने दी अर्जी में कहा है कि 2023 के फैसले को देखते हुए केंद्र सरकार को आयुक्तों की नियुक्ति की प्रकिया से अलग रखा जाए. बता दें, फरवरी में अरुप चंद्रा भी आयुक्त के पद से रिटायर हो गए थे. ऐसे में चुनाव आयोग (Election Commission) के पैनल में एक ही आयुक्त हैं राजीव कुमार जो कि मुख्य चुनाव आयुक्त भी हैं.
याचिका में की गई ये मांग
बता दें, कांग्रेस नेता ने यह याचिका 2023 की सुनवाई के संबंध में ही दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा, जब सीईसी एक्ट 2023 की वैधता को लेकर मामला एससी में लंबित है. ऐसे में पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी नए चुनाव आयुक्तों का चयन कैसे कर सकती है?
जानें क्या है सीईसी एक्ट
गौरतलब है कि एससी में सीईसी एक्ट की वैधता को लेकर मामला लंबित है. इस एक्ट को लेकर विवाद इसलिए था, क्योंकि सरकार ने संसद में पारित कराए कानून में नियुक्ति वाले पैनल से सीजेआई को हटा दिया था. हालांकि, एससी ने एक्ट पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. सीईसी कानून के अनुसार पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता की 3 सदस्यीय कमेटी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है.