केंद्र सरकार कबाड़ बेचकर भी जबरदस्त कमाई कर रही है। पिछले कुछ सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर करोड़ों नहीं, बल्कि अरबों रुपये कमाए हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में कबाड़ बेचकर 2,364 करोड़ रुपये कमाए हैं। ये कबाड़ अलग-अलग सरकारी ऑफिस से बेचा गया है।
सोशल मीडिया मंच एक्स पर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर एक पोस्ट की है। जितेंद्र सिंह ने पोस्ट में बताया है कि सरकार ने यह स्वच्छता अभियान कितनी जगह चलाया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने यह भी बताया है कि कितनी फिजिकल फाइल की सफाई की गई और कितनी ई-फाइल्स की। साथ ही उन्होंने बताया, इस अभियान ने सरकार ने इस साल 650.10 करोड़ रुपये कमाए।
स्पेशल कैंपेन के तहत हुई सफाई
दरअसल, सरकार दफ्तरों में पड़ी बेकार चीजों जैसे फाइल आदि का समय-समय पर रिव्यू करती रहती है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की पोस्ट के अनुसार यह ऐसी चौथी कैंपेन थी। इसे ‘स्पेशल कैंपेन 4.0’ नाम दिया गया। इस विशेष कैंपेन के तहत शुरू की गई इस पहल ने न केवल सरकार के खजाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि सरकारी विभागों में स्वच्छता और आर्थिक योगदान को भी बढ़ावा दिया है।
हजारों फाइलों को हटाया गया
इस कैंपेन में कुल 58,545 फिजिकल फाइलों की समीक्षा की गई। इनमें से 15,816 फाइलों को हटाया गया। इन फाइलों और कबाड़ निपटान को खत्म करने से 15,847 वर्ग फीट जगह खाली हुई और 16,39,452 रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ।
पेंडिंग मामलों के निपटान के मामले में लक्ष्य के रूप में चिन्हित सभी लोक शिकायतों, पी.जी. अपील, सरलीकरण के नियमों का निपटारा कर दिया गया है। DPIIT की ओर से देशभर में 70 जगहों पर कुल 300 स्वच्छता अभियान चलाए गए।
पीएम मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने लिखा, ‘सराहनीय! इफेक्टिव मैनेजमेंट और प्रोएक्टिव एक्शन पर फोकस करके इस प्रयास ने शानदार रिजल्ट दिए हैं। यह दर्शाता है कि कैसे सामूहिक प्रयास से स्थायी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।’
Commendable!
By focussing on efficient management and proactive action, this effort has attained great results. It shows how collective efforts can lead to sustainable results, promoting both cleanliness and economic prudence. https://t.co/E2ullCiSGX
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2024