मोदी सरकार में UPA शासन की तुलना में अधिक नौकरियां हुई सृजित: आरबीआई डेटा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के KLEMS डेटाबेस के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार के दौरान रोजगार सृजन, कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में यूपीए सरकार की तुलना में काफी सुधार हुआ है. इसमें कहा गया है कि 2014 से 2024 के बीच पीएम मोदी के कार्यकाल में 17.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा हुई हैं, जबकि 2004 से 2014 के बीच UPA सरकार के दौरान केवल 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा हुई थीं.

KLEMS डेटा उत्पादन में पाँच प्रमुख इनपुट

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब केंद्रीय बजट 2025 के लिए काम जोरों पर है और सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी सरकार से रोजगार सृजन और उपभोग बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की उम्मीद है. KLEMS डेटा उत्पादन में पाँच प्रमुख इनपुट- पूंजी (K), श्रम (L), ऊर्जा (E), सामग्री (M) और सेवाएँ (S) के बारे में जानकारी प्रदान करता है. डेटाबेस 27 उद्योगों के लिए बनाया गया है, जिन्हें छह क्षेत्रों में एकत्रित किया गया है.

पिछले वर्ष ही 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष ही 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं. मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच रोजगार में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. क्षेत्रवार वृद्धि पर आरबीआई के आंकड़े भी पीएम मोदी सरकार के तहत काफी सुधार दर्शाते हैं.

मोदी सरकार के दौरान कृषि क्षेत्र में 19% की दर्ज की गई वृद्धि

उदाहरण के लिए पीएम मोदी सरकार के दौरान कृषि क्षेत्र में 19% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यूपीए के दौरान इसमें 16% की गिरावट आई थी. 2014-2024 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में 15% की वृद्धि हुई, जबकि यूपीए के 2004-2014 के दौरान यह केवल 6% थी. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत, सेवा क्षेत्र में भी 36% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यूपीए शासन के दौरान यह 25% थी. रोजगार के मोर्चे पर भी आंकड़े मौजूदा सरकार को खुश करने वाले हैं. 2014 से 2023 के बीच इसमें 36% की वृद्धि हुई है, जबकि यूपीए शासन में यह 25% थी.

प्रधानमंत्री ने राजकोषीय अनुशासन पर दिया है जोर

युवाओं की रोजगार दर भी 2017-2018 में 31.4% से बढ़कर 2023-2024 में 41.7% हो गई है. सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को नौकरी मिले और नौकरियों का सृजन हो. यह तभी संभव है जब कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करें, जो खपत बढ़ने पर संभव है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने राजकोषीय अनुशासन पर जोर दिया है और इसके लिए प्रोत्साहन दिए जाने के साथ-साथ प्रमुख आय श्रेणियों में कर कटौती की आवश्यकता है, ताकि लोग अधिक उपभोग करने के लिए प्रोत्साहित हों.

More Articles Like This

Exit mobile version