ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री जाविद अहमद डार (Javid Ahmad Dar) ने सोमवार को कहा, पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत तीन लाख से अधिक ‘पक्के’ घरों का निर्माण किया गया है. विधानसभा में भाजपा के बलवंत सिंह मनकोटिया के एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा, योजना के तहत सभी पात्र बचे हुए घरों को कवर करने के लिए एक नया सर्वेक्षण चल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित पीएमएवाई-जी योजना के तहत 18 मार्च, 2025 तक कुल 3,04,544 घर – जम्मू में 2,60,124 और कश्मीर में 44,420 – पूरे हो गए थे, जबकि जम्मू में 2,86,057 घर और घाटी में 48,806 घर स्वीकृत किए गए थे.
उन्होंने आगे कहा, सबसे अधिक घर राजौरी जिले (55,829) में पूरे हुए, इसके बाद 46,752 (पुंछ), 31,714 (रामबन), 28,097 (डोडा), 26,449 (रियासी), 21,143 (उधमपुर), 21,061 (कठुआ), 14,442 (किश्तवाड़), 12,285 (जम्मू), (सांबा) 2,352 शामिल हैं. कश्मीर में, अनंतनाग जिले में सबसे अधिक 9,999 मकान बने हैं, इसके बाद कुपवाड़ा में 9,775, बारामुल्ला में 5,534, कुलगाम में 5,238, बांदीपोरा में 3,852, गंदेरबल में 2,918, पुलवामा में 2,479, शोपियां में 2,398, बड़गाम में 2,164 और श्रीनगर में 63 मकान बने हैं.
कांग्रेस विधायक इरफान हाफिज लोन द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि भूमिहीन पीएमएवाई (जी) लाभार्थियों के मामले में, जो आवास सहायता के लिए पात्र हैं, उन्हें सुविधा का लाभ उठाने में भूमिहीनों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए पांच मरला राज्य भूमि आवंटित की जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक खुर्शीद अहमद द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग आग की घटनाओं में 1,288 घर जलकर खाक हो गए.
आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि 2023-24 में 574 घर जलकर खाक हुए थे, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 714 हो गई. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में सबसे ज्यादा 107 घर किश्तवाड़ जिले में, 97 कुपवाड़ा, 64 कुलगाम, 61 अनंतनाग, 56 श्रीनगर, 52 बडगाम, 51 बारामुल्ला, 47 रामबन, 36 बांदीपोरा, 20 डोडा, 21 शोपियां, 17-17 पुलवामा और उधमपुर, 16 राजौरी, 15 रियासी, 12 पुंछ, 11 गंदेरबल, सात सांबा और छह जम्मू में जलकर खाक हुए.
इसी तरह 2023-24 में सबसे ज्यादा 91 घर श्रीनगर, 76 कुपवाड़ा, 71 अनंतनाग, 68 बारामुल्ला, 48 बांदीपोरा, 30 बडगाम, 27 रामबन, 25 कुलगाम, 21 किश्तवाड़, 20 पुलवामा, 18 पुंछ, 14-14 उधमपुर और जम्मू, 11-11 शोपियां और राजौरी, आठ गंदेरबल, पांच कठुआ और दो रियासी में जले हैं। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ मानदंडों के तहत पूरी तरह से जले हुए घरों के लिए 1.30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है.