MQ-9B Killer Drones: जिसका पूरी दुनिया में है खौफ! वो जल्द होगा भारत के पास, सीमा पर थर-थर कांपेगे चीन-पाकिस्तान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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MQ-9B Killer Drones: भारत के पास जल्द ही एक ऐसी ताकत आने वाली है, जिसका खौफ दुनियाभर में है. यहीं वजह है कि इसका नाम भी कुछ वैसा ही है हंटर किलर ड्रोन. भारत जल्‍द ही अमेरिका से 31 MQ-9B ‘हंटर-किलर’ रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट खरीदने वाला है, जिसके लिए दोनों देशों के बीच बातचीत भी चल रही है.

जानकारों का मानना है कि इस साल के अंत तक इस महत्वपूर्ण डील को अमेरिका और भारत पूरा कर लेंगे. रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया जा रहा है कि अमेरिकी MQ-9B ड्रोन के दो वर्जन हैं. पहला स्काई गार्जियन और दूसरा सी गार्जियन है. हालांकि भारत में 15 सी गार्जियन ड्रोन आएंगे, जिसे भारतीय नेवी को सौंपा जाएगा. वहीं 16 स्काई गार्जियन भी आएंगे, जिसमें से 8 भारतीय थल सेना को और बाकी के 8 भारतीय वायु सेना को दिए जाएंगे.

चीन-पाकिस्तान बढ़ा रहे ड्रोन का जखीरा

दरअसल, भारत का चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव जारी है. वहीं, पूर्वी लद्दाख में चीन और कश्मीर में पाकिस्तान लगातार ही अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के कोशिश में लगे रहते है. ऐसे में भारत के लिए ये किलर ड्रोन काफी अहम साबित होने वाला है.

हालांकि चीन और पाकिस्‍तान भी अपनी ड्रोन क्षमता को तेजी से विकसित कर रहे हैं. बता दें कि पाकिस्तान ने चीन से 16 और सशस्त्र काई होंग-4 (CH-4) ड्रोन की मांग की है. जबकि पाकिस्तानी थल सेना के पास 4 और नेवी के पास तीन CH-4 ड्रोन पहले से ही मौजूद हैं.

MQ-9B ड्रोन की क्षमता

आपको बता दें कि अमेरिका से मिलने वाला ड्रोन चीन के मुकाबले कहीं अधिक ताकतवर हैं. ये दूर से ही अपने दुश्मनों का खात्मा करने में सक्षम हैं. साथ ही सीमा पर जाकर भी वो बड़े ही आसानी सें ऑपरेशन को अंजाम दे सकता हैं.  MQ-9B ड्रोन 40 हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 40 घंटे तक उड़ान भरने के साथ ही 5,670 किलोग्राम का भार उठाने में भी सक्षम हैं. वहीं, इस ड्रोन की फ्यूल क्षमता 2,721 किलो है;.

भारत अमेरिका के बीच 33,500 करोड़ की डील

ये ड्रोन हेलफायर मिसाइल से लैस हैं, जिससे हवा से जमीन पर आसानी से हमला किया जा सकता है. भारत और अमेरिका के बीच यह डील करीब 33,500 करोड़ रुपये में होने वाली है. खास बात ये है कि इन ड्रोन को भारत में असेंबल किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः-Kudankulam Nuclear Power: भारत और रूस के बीच हुई इस डील से चीन की उड़ी नींद, देश को इस मामले में होगा फायदा

 

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