एक-दूसरे की पूरक हैं दोनों अर्थव्यवस्थाएं… भारत-रूस व्यापार मंच पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Mumbai: सोमवार को मुंबई में भारत-रूस व्यापार मंच को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संबोधित किया. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में उन्‍होंने कहा कि साल 2022 से ही रूस ने एशिया पर अधिक ध्‍यान केंद्रीत किया है. इससे सहयोग के कई और अवसर पैदा हुए हैं. मजबूत समवर्ती और गहरी दोस्ती का एक लंबा इतिहास हमें दोनों कारकों का पूरा लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है.

दुनिया के अच्‍छा के लिए अच्‍छा होगा दोनों देशों का सा‍थ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं, यह भी एक अहम विचार है. ऐसा भारत के साथ साझेदारी जिसका बाजार आने वाले कई दशकों तक 8 प्रतिशत विकास दर साथ ही विकास करेगा, दोनों देशों और दुनिया के लिए अच्छी होगी.

इन महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर बल दिया

विदेश मंत्री ने कहा कि मैं 10 महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर प्रकाश डालना चाहता हूं, जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्‍यकता है.

  1. आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब डॉलर है. इसके साल 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य तर्कसंगत है.
  2. व्यापार संतुलन को तत्काल सुधारने की आवश्‍यकता है क्योंकि यह बहुत एकतरफा है.
  3. भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ व्यापार-वस्तु वार्ता इस साल मार्च में शुरू हुई. हमें इसे जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की जरूरत है.
  4. अप्रैल 2024 में मास्को में पहला द्विपक्षीय निवेश मंच आयोजित किया गया.
  5. जुलाई में वार्षिक शिखर सम्मेलन में 2024-29 तक रूसी सुदूर पूर्व के संबंध में सहयोग के कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें कनेक्टिविटी क्षेत्र भी शामिल है.
  6. राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार का आपसी समझौता बहुत अहम है, खासकर वर्तमान परिस्थितियों में.
  7. इस साल मई में हमारे दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच अधिकृत आर्थिक ऑपरेटरों पर द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने से व्यापार करने में आसानी पर बड़ा प्रभाव पड़ा है.
  8. हमारे बीच तीन कनेक्टिविटी पहल- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारा और उत्तरी समुद्री मार्ग, इन सभी पर निरंतर ध्यान देने की जरूरत है, अगर हमें उनकी पूरी क्षमता का एहसास करना है.
  9. व्यापार को गहरा करने के कार्यक्रम के तौर पर मेक इन इंडिया के प्रति रूस की बढ़ती प्रशंसा निश्चित रूप से कई क्षेत्रों में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.
  10. मैं आपका ध्यान शिक्षा या फिल्म जैसे नॉन-इकोनॉमिक सेक्‍टर के महत्व की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जो हमारे बीच एक बड़े सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव में योगदान करते हैं.

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