Varanasi Gyanvapi Case: कल वाराणसी जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला दिया. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि 7 दिनों के भीतर पूजा शुरू कराई जाए. निचली अदालत के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
मुस्लिम पक्ष ने भोर में 3 बजे ही रजिस्ट्रार के सामने मामला रखा और जल्द सुनवाई की मांग की है. मुस्लिम पक्ष की मांग है कि निचली अदालत के आदेश पर तुरंत कोक लगाई जाए. जिससे ताकि इस दरमियान मुस्लिम पक्ष दूसरे क़ानूनी राहत के विकल्प आजमा सके. बता दें कि व्यास जी का तहखाना वर्ष 1993 से बंद था.
चीफ जस्टिस के सामना रखा गया मामला
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रार ने मुस्लिम पक्ष की मांग को आज तड़के 4 बजे ही चीफ जस्टिस के सामने रखा. मुख्य न्यायधीश ने पूरे दस्तावेजों को देखा और मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि किसी भी तरीके से राहत के लिए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए. इलाहाबाद HC के चीफ जस्टिस के सामने मामला रखें.
हिंदू पक्ष को मिली थी जीत
जानकारी दें कि बुधवार को वाराणसी न्यायालय ने बुधवार को ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया. इसकी के साथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि सात दिनों में जिला प्रशासन को इसके लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.
जानकारी दें कि हिंदू पक्ष ने व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी. रिपोर्ट्स की मानें तो सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था. ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी तहखाने में मंगलवार देर रात पूजा की गई. इसके वाराणसी पुलिस अलर्ट पर है. काशी में सभी सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे अफसरों को फुट पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं. कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजन-अर्चन की बुधवार को अनुमति के बाद देर रात बैरिकेडिंग से रास्ता बनाते हुए व्यास जी का तहखाना खोल दिया गया.
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