Delhi Liquor Scam: कोर्ट से Manish Sisodia को नहीं मिली राहत, 8 म‌ई तक बढी न्यायिक हिरासत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Delhi Liquor Scam: दिल्ली सरकार की आबकारी नीति मामले में कथित मनी लांड्रिंग के घोटाले में अरेस्‍ट किए गए मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. बता दें कि कोर्ट ने अब सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 8 म‌ई, 2024 तक के लिए बढा दी है. ED ने आज सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट में और समय मांगा. कोर्ट ने ईडी को 8 म‌ई तक का समय दिया. कोर्ट ने कहा कि दस्तावेजों के निरीक्षण को लेकर ईडी 8 म‌ई दोपहर 12 बजे तक अपना जवाब दाखिल करें. इससे पहले आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एससी से जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने ईमेल भेजने को कहा था. अरविंद केजरीवाल भी उसी तरह के मामले में जेल भेजे गए हैं, जैसे मनीष सिसौदिया भेजे गए थे.

क्या है आबकारी नीति घोटाला 

17 नवंबर 2021 को दिलली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में इजाफा होने का दावा किया था. इसके बाद जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी. इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. उपराज्यपाल ने इस रिपोर्ट के आधार पर नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई 2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी और इस प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था. इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था. इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी.

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