New Army Chief Lt General Upendra Dwivedi: थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे आज सेवानिवृत्ति हो गए हैं. वहीं, उनकी जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संभाल ली है. बता दें कि भारत के नए सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी 30वें सेनाध्यक्ष बने हैं. इससे पहले, वे 24 फरवरी से उप सेना प्रमुख थे. आइए जानते हैं कौन हैं उपेंद्र द्विदेदी, जिन्हें भारतीय सेना की जिम्मेदारी आज सौंपी गई है.
General Manoj Pande #COAS, was presented a Ceremonial Guard of Honour at the #SouthBlock Lawns, #NewDelhi, on the occasion of relinquishing the appointment of Chief of the Army Staff.
His exceptional & illustrious career in the service of the Nation, spanning over four decades,… pic.twitter.com/Qzak5Sre28
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 30, 2024
शिक्षा
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और US आर्मी वॉर कॉलेज से पढ़ाई की है. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई पूरी की है. द्विवेदी के पास स्ट्रै़टजिक स्टडी (Strategic studies) और मिलिट्री साइंस दोनों की मास्टर डिग्री है.
अनुभव
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की पहली तैनाती 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में हुई थी. करीब 40 साल की यात्रा में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है. अगर बात करें कमांड में तैनाती की तो वो 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान में एक्टिव रह चुके हैं.
इन चीजों के हैं महारथी
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर ऑपरेशन का महारथी माना जाता है. उपेन्द्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं का बेहतर एक्सपीरियंस है. उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हमेशा सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बेहतरीन कौशल दिखाया. इन्हें PVSM (परम विशिष्ट सेवा मेडल), AVSM (अति विशिष्ट सेवा मेडल) और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
भारत-चीन सीमा का है लंबा अनुभव
उपेन्द्र द्विवेदी डिफेंस पर मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M Phil) और स्ट्रैटजिक और मिलिटरी साइंस में दो मास्टर डिग्री होल्डर हैं. इन्हें दुश्मन की चालों को काउंटर करने के लिए नक्शे पर रणनीति बनानी हो या पाकिस्तान सीमा (LOC) और चीन सीमा (LAC) पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना दोनों काम के महारथी हैं. ये चीन की सीमा पर उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में काफी समय तक एंट्री टेररिस्ट ऑपरेशंस को भी अंजाम दिया.
बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने फरवरी 2024 में उप सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. वे भारतीय सेना की हर कमान को अत्याधुनिक बनाने और उसे नए-नए हथियारों से लैस करने के अभियान का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया और मेड इन इंडिया मिलिट्री उत्पादों को सेना में शामिल कराने के साथ उनके निर्यात के लिए भी विजन पेश किया.