कहां बसेगा New Noida? जानिए क्या है भूमि अधिग्रहण और मुआवजा की प्रक्रिया

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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New Noida Land Acquisition: दिल्ली से सटे एनसीआर के बाद अब न्यू नोएडा बनाने की कवायद तेज है. न्यू नोएडा को सजाने सवारने के लिए काम भी शुरू किया जा चुका है. दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) यानी न्यू नोएडा के जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया गया है. बताया जा रहा है कि ये काम कुल तीन अलग-अलग तरीकों से पूरा किया जाना है. इसके पीछे का उद्देश्य है कि भूमि अधिग्रहण के साथ ही विकास कार्य भी किया जा सके.

कितने चरणों में किया जाएगा विकास
न्यू नोएडा के विकास का काम कुल 5 चरणों में किया जाना है. इस नए नोएडा के विकास में सभी की सहभागिता होगी. सरकारी एजेंसियां, निजी एजेंसियां और किसानों की सहमति के बाद जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा फिर इसका विकास कार्य किया जाएगा. आपको बता दें कि 20911 हेक्टेयर भूमि में न्यू नोएडा का विकास कार्य किया जाएगा. इस पूरे मामले में अलग-अलग माध्यम से जमीनों का अधिकार दिया जाएगा.

दरअसल, पहले किसानों से सीधे जमीन खरीदी जाएगी. भू अधिग्रहण नीति 2011 के अनुसार जमीन मालिकों को जमीन के एवज में उचित मुआवजा दिया जाएगा.

इस माध्यम से भी ली जाएगी जमीन
आपको बता दें कि लैंड पूलिंग के माध्यम से भी न्यू नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है. लैंड पूलिंग पॉलिसी के अंतर्गत किसानों से उनकी जमीन ली जाएगी. हालांकि इसके लिए पहले आवेदन करना होगा. नियमों के अनुसार इस पॉलिसी के अंतर्गत अप्लाई करने के लिए किसी के भी पास कम से कम 25 एकड़ का प्लॉट चाहिए. इसके साथ-साथ निजी एजेंसियों को भी भूमि अधिग्रहण करने का मौका मिलेगा.

वहीं, सरकार की भू अधिग्रहण पॉलिसी 2022 के अंतर्गत जमीन की खरीद के लिए निजी एजेंसियों को भी मौका दिया जाएगा, हालांकि जो जमीने निजी एजेंसियां खरीदेंगी वो औद्योगिक विकास प्राधिकरण, आवास विकास प्राधिकरण, शहरी निकाय की सीमा से बाहर होनी चाहिए.

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आपको बता दें कि निजी एजेंसियों द्वारा 25 प्रतिशत जमीन की खरीद करने के बाद लाइसेंस दिया जाएगा. इन जमीनों पर डेवलपर 18 माह के भीतर विकास कार्य करेगा. हालांकि इससे इसके लिए सबसे पहले प्रोजेक्ट डिटेल की रिपोर्ट देनी होगी. वहीं, लाइसेंस मिलने के बाद 2 साल के लक्ष्य में तय जमीन पर 60 प्रतिशत से ज्यादा का अधिग्रहण आवश्यक होगा.

इतना ही नहीं, 75 प्रतिशत जमीनों का अधिग्रहण करने के बाद भूमि पर विकास कार्य से पहले नक्शा पास कराना जरूरी होगा. ये नक्शा यूपीसीडा पास करेगा. वहीं, किसी को भी 80 फिसदी जमीन अधिग्रहण के बाद दिक्कत आती है तो यूपीसीडा देवलपर की मदद करेगा.

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