उपन्यासकार मयंक कश्यप की नवीनतम पुस्तक ओडिसी ऑफ डेज का रविवार, 29 दिसम्बर को विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, पद्मश्री अशोक भगत और CCL के CMD निलेंदु कुमार सिंह उपस्थित थे। इस समारोह का आयोजन स्टेशन रोड स्थित एक होटल के सभागार में किया गया। वहीं, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा, साहित्य समाज का दर्पण है। ओडिसी ऑफ डेज जैसे उपन्यास न केवल हमारे समय की सच्चाइयों को उजागर करते हैं, बल्कि हमें आत्ममंथन और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
बता दें कि ओडिसी ऑफ डेज एक मार्मिक कथा है, जो भाई-बहन के संबंधों, नशे के विनाशकारी प्रभाव और आत्मा की अटूट शक्ति की गहराई से पड़ताल करती है। यह उपन्यास ऋषि और नितिका नामक दो अनाथ भाई-बहनों की कहानी है, जो जीवन की कठिनाइयों और मानवीय जज्बे के बीच संघर्ष करते हुए अपने रिश्ते को पुन स्थापित करने का प्रयास करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत सीसीएल के विभागाध्यक्ष (सीसी एंड पीआर) आलोक गुप्ता के स्वागत भाषण और लेखक के परिचय प्रस्तुति से हुई। उपन्यास पर डॉ. मृगाक्षी आलोक ने गंभीर साहित्यिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए इसके कथानक और शिल्प पर प्रकाश डाला।
नीलेंदु कुमार सिंह ने की मयंक कश्यप के प्रयासों की सराहना
सीसीएल के सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने मयंक कश्यप के प्रयासों की सराहना की। कहा कि इस तरह की साहित्यिक कृतियां समाज पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं और सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा देती हैं।
पद्मश्री अशोक भगत ने की मयंक कश्यप की सराहना
वहीं, पद्मश्री अशोक भगत ने ‘ओडिसी ऑफ डेज़’ की गहरी अंतर्दृष्टि और भाई-बहन के बंधन की अनूठी यात्रा को उजागर करने के लिए मयंक कश्यप की सराहना की। उन्होंने कहा कि साहित्य ना केवल सामाजिक जागरुकता को बढ़ावा देता है, बल्कि आलोचनात्मक सोच को भी प्रोत्साहित करता है। यह पुस्तक समाज के सामने एक आईना पेश करती है। कथा कहने की शक्ति को नए आयाम प्रदान करती है।
समाज का दर्पण है साहित्य- हरिवंश
हरिवंश ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। ‘ओडिसी ऑफ डेज़’ जैसे उपन्यास ना केवल हमारे समय की सच्चाइयों को उजागर करते हैं, बल्कि हमें आत्ममंथन और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी करते हैं। उन्होंने समाज में फैल रहे नशे को विशेष रूप से रेखांकित किया। नशा मुक्ति के लिए परिवार और समाज की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। डॉ. आर.के. रॉय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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