Export Tax on Parboiled Rice: दिवाली से पहले किसानों के लिए राहत भरी खबर है. केंद्र सरकार ने उबले चावल के निर्यात टैक्स को जीरो कर दिया है. अब उबले चावल पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इससे पहले उबले चावल के निर्यात पर 10 प्रतिशत कर लगता था. सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया के सबसे बड़े अनाज निर्यातक देश में भंडार बढ़ गया है. इसके साथ ही देश में मानसून के बाद बंपर फसल होने की उम्मीद है. पिछले महीने टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था. वहीं अब 22 अक्टूबर, मंगलवार को इसे शून्य कर दिया गया है.
एक दिन पहले ये आया था फैसला
वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, उसना चावल, भूरा चावल (ब्राउन राइस) और धान पर निर्यात शुल्क 10 फीसदी से कम कर शून्य कर दिया गया है. यह छूट 22 अक्टूबर, दिन मंगलवार से प्रभावी हो गई है. न्यूज एजेंसी को सूत्रों ने बताया कि इस शुल्क कटौती पर निर्वाचन आयोग की मंजूरी मिल गई है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ न उठाया जाए.
बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य भी खत्म
महाराष्ट्र और झारखंड में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं. सरकार ने पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल को निर्यात शुल्क से छूट दे दी थी. इसके अलावा उसना चावल, भूरा चावल (Brown Rice) और धान पर भी निर्यात शुल्क 20 % से घटाकर 10% कर दिया था. वहीं निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी खत्म कर दिया गया है.
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