Pariksha Pe Charcha 2024: पढ़ाई के प्रेशर को कैसे करना है कम? पीएम मोदी ने बच्चों को दी सफलता की टिप्स

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pariksha Pe Charcha 2024: राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के 7वें संस्करण का आयोजन किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने इस साल होने वाले बोर्ड इम्तिहान में शामिल होने वाले बच्चों से बात की. पीएम मोदी ने बच्चों को परीक्षा में कैसे पूरी तैयारी के साथ जाएं इसका गुरू मंत्र दिया. इस कार्यक्रम की शुरुआत 7 साल पहले की गई थी. इस कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न स्कूलों के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं.

पीएम ने किया बच्चों का मार्गदर्शन

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी और आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंता के साथ-साथ करने वाले हैं. एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है. आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों.

उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा पे चर्चा का ये सांतवा एपिसोड है. ये प्रश्न हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से आया है. इसका मतलब ये है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं और हर नए बैच को भी इन्हीं समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों के बैच बदलते हैं लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते. यदि शिक्षकों ने मेरे अब तक के एपिसोड्स की बातों का कुछ न कुछ अपने स्कूल में संबोधन किया हो तो शायद हम इस समस्या को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं.

‘स्वयं से करें स्पर्धा’

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को बताया कि आपको स्वयं से स्पर्धा रखनी चाहिए. उदाहरण के साथ उन्होंने कहा कि आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है, आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है. उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है. अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.

वहीं, उन्होंने आगे कहा कि किसी भी शिक्षक के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं? अगर शिक्षक और छात्र का नाता परीक्षा के कालखंड का है, तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए. छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी. आज मोबाइल का जमाना है. क्या कभी किसी छात्र ने आपको फोन किया है? जिस दिन आप पाठ्यक्रम से आगे निकलकर उससे नाता जोड़ोगे तो वो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं में भी आपसे अपनी मन की बात करेगा.

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मौजूद

जानकारी दें कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि सभी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी का हार्दिक स्वागत करता हूं. वे राष्ट्र शिल्पी है. धर्मेंद्र प्रधान ने आगे यह भी कहा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाना है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षा में चर्चा आज जन आंदोलन बन गया है.

इस साल इस कार्यक्रम में लगभग 4,000 प्रतिभागियों ने पीएम मोदी के साथ बातचीत की. शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित परीक्षा पे चर्चा एक वार्षिक कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी परीक्षाओं की शुरुआत में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत करते हैं. इसी के साथ वह मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. बता दें कि इस आयोजन का नेतृत्व पीएम मोदी करते हैं. यह आयोजन ‘एग्जाम वॉरियर्स’ नामक बड़े आंदोलन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाना है.

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