Parliament Session: संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, दशकों बाद एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को जनादेश समझ में नहीं आया है. बता दें, पीएम मोदी ने इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में राहुल गांधी के विवादित बयान पर भी निशाना साधा था.
राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा थी: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृत भी किया गया था. पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं. इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं.
बोले पीएम मोदी- ‘आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और…’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की. लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है.
हमारे दस साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं: मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार…इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं. एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर
कांग्रेस ने संविधान दिवस का किया विरोध: पीएम मोदी
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संविधान लेकर कूदने वाले संविधान की भावना नहीं समझते. पीएम मोदी ने आगे कहा, कांग्रेस ने संविधान दिवस का भी विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे अनके लोग हैं, जिनको बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के कारण यहां तक आने का अवसर मिला है. जनता-जनार्दन ने मुहर लगाई और तीसरी बार भी आने का अवसर मिला.’
संविधान पर PM मोदी ने बोली बड़ी बात
पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं? आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो.
भविष्य के संकल्पों के लिए देश की जनता ने हमें चुना है: पीएम मोदी
पीएम मोदी अपने भाषण के दौरान कहा, ‘ये चुनाव दस वर्ष की सिद्धियों पर तो मोहर है ही लेकिन इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है. क्योंकि, देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण उन्होंने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है.
विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बीच किया वॉकआउट
पीएम मोदी के भाषण के बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. इस पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती. इनके पास सत्य का मुकाबला करने का हौसला नहीं है. इतनी चर्चा के बाद उनमें उठाए गए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत भी नहीं है. ये उच्च सदन की महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं. देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है.
परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं हम: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा, ऐसे विद्वान हैं. ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं. ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं. लेकिन, हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं. पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे. गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे.
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