Parliament Winter Session Live: संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी 25 नवंबर से शुरू हो गया है. ये सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. सेशन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन परिसर में हंस द्वार के नजदीक महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी उसके बाद राज्यसभा और लोकसभा सत्र चले. हालांकि, संभल मुद्दे को लेकर संसंद में हंगामे के चलते दोनों ही सदनों के सत्र की कार्यवाही को कल तक स्थगित कर दिया गया है.
कल तक के लिए स्थगित की गई सदनों की कार्यवाही
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन हंगामा देखने को मिला. दरअसल, विपक्ष कुछ मुद्दों को लेकर आक्रमक है जिसके कारण पूरा सत्र हंगामेदार रह सकता है. अडानी और संभल मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने संसद में खूब हंगामा किया, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. अब ये कार्यवाही 27 नवंबर, बुधवार को सुबह 11 बजे से शुरू होगी.
Lok Sabha adjourned for the day; to meet again at 11 A.M on Wednesday, 27th November.
— ANI (@ANI) November 25, 2024
सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने किया संबोधित
सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने कहा, “2024 का अंतिम चरण चल रहा है और देश 2025 की तैयारी कर रहा है. संसद का यह सत्र कई मायनों में खास है और सबसे खास बात है संविधान के 75वें वर्ष की शुरुआत. कल संविधान सदन में सभी लोग हमारे संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाएंगे.”
#WATCH | #ParliamentWinterSession | Prime Minister Narendra Modi says “The last phase of 2024 is underway and the country is preparing for 2025. This Session of Parliament is special in several ways and the most important thing is the beginning of the 75th year of the… pic.twitter.com/lRgEy6lPr3
— ANI (@ANI) November 25, 2024
पीएम मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कल संविधान सदन में सब मिलकर के इस संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की मिलकर शुरुआत करेंगे. संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण करते समय एक-एक बिंदू पर बहुत विस्तार से बहस की है, तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है. इसकी महत्वपूर्ण ईकाई है हमारी संसद. हमारे सांसद भी और हमारी संसद भी। संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें. दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, वे संसद को भी, मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंग बाजी से कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता और देश की जनता उनके सारे व्यवहारों को देखती है और जब समय आता है, तब सजा भी देती है. सबसे ज्यादा पीड़ा की बात ये है कि जो नए सांसद नए विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं. सदन में उनको बोलने का अवसर नहीं मिलता.’
80-90 बार जनता ने जिनको नकारा, वे संसद में चर्चा नहीं होने देते
पीएम मोदी ने कहा, ‘लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम करना है अगली पीढ़ी को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न संसद में चर्चा होने देते हैं और न ही लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं. न ही वे लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं. उसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते. इसके चलते जनता को उन्हें बार-बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है.’
जनता जनार्दन की भावनाओं पर खरा उतरना पड़ेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘संसद में बैठे हुए हम सभी को जनता जनार्दन की भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा. समय की मांग है कि हम जितना समय गंवा चुके हैं, उसका थोड़ा प्रायश्चित करें. हम बहुत ही तंदरुस्त तरीके से संसद में चर्चा करें. आने वाली पीढ़ियां उसे पढ़ेंगी और उससे प्रेरणा लेगी. मुझे आशा है कि ये सत्र बहुत ही परिणामकारी हो. भारत की वैश्विक गरिमा को बल देने वाला हो, नए सांसद और विचारों को बल देने वाला हो. इसी भावना के साथ मैं फिर एक बार सभी सांसदों को उत्साह और उमंग के साथ सभी साथियों का स्वागत करता हूं.’