Nalanda University: जानिए नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर की खासियत, जिसका PM Modi ने आज किया उद्घाटन

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Nalanda University: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बिहार के दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान पीएम ने राजगीर स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और 17 देशों के राजदूत भी शामिल थे.

PM Modi, along with Bihar CM Nitish Kumar, visits Nalanda

नालंदा विश्विद्यालय की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी. उस दौरान दुनियाभर के छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते थे. जानकारी के मुताबिक, 12वीं शताब्दी में इस यूनिवर्सिटी को आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया.

नए विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी स्थान से काम करना शुरू किया. यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ.

2014 में नए विश्वविद्यालय ने 14 छात्रों के साथ अस्थायी स्थान से काम करना शुरू किया. 2017 में यूनिवर्सिटी के निर्माण की शुरुआत हुई थी.

भारत के अलावा इस यूनिवर्सिटी को बनाने में जिन 17 अन्य देशों की भागीदारी है उनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

भारत के साथ-साथ इस विश्विद्यालय में 17 और देश भी भागीदार हैं, जिसमें चीन, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, ब्रुनेई दारुस्सलाम, भूटान, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, लाओस, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

यूनिवर्सिटी में छह अध्ययन केंद्र हैं जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल; ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल; पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल; और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं.

नालंदा विश्विद्यालय में 6 अध्ययन केंद्र हैं, जिसमें बौद्ध अध्ययन, ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल, पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल, सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं.

नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी बनाई गई है. इसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें और पांडुलिपियां रखी जाएंगी.

यूनिवर्सिटी के कुलपति अभय कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी बनाई गई है. इसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें और पांडुलिपियां रखी जाएंगी.

यूनिवर्सिटी का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी.

जानकारी के मुताबिक, 455 एकड़ में फैले इस नए कैंपस को 1750 करोड़ की लागत से बनाया गया है. इस विश्विद्यालय में 24 इमारतें हैं.

नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी जहां दुनियाभर से छात्र अध्ययन के लिए आते थे. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों के नष्ट किए जाने से पहले यह प्राचीन विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने किया नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्धाटन, सीएम नीतीश कुमार भी रहे मौजूद

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