PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में जैन धर्म के सबसे पूज्य और सार्वभौमिक मंत्र ‘नवकार महामंत्र’ का सामूहिक जाप किया. इस दौरान उन्होंने ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ‘नवकार महामंत्र’ विनम्रता, शांति और सार्वभौमिक सद्भाव का प्रतीक है. इस कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे खुशी हुई.
यह हमारे विश्वास का केंद्र है
प्रधानमंत्री मोदी PM Modi ने ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “नवकार महामंत्र सिर्फ एक मंत्र नहीं है. यह हमारे विश्वास का केंद्र है और इसका महत्व केवल आध्यात्मिक नहीं है. यह हमारे जीवन का मूल स्वर है. यह स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है. इस मंत्र का प्रत्येक पद ही नहीं, बल्कि प्रत्येक अक्षर अपने आप में मंत्र है.”
ध्यान और कर्म ही जीवन की सच्ची दिशा हैं
उन्होंने आगे कहा, “जब हम नवकार महामंत्र का जाप करते हैं, तो हम 108 दिव्य गुणों का नमन करते हैं और मानवता के हित को स्मरण करते हैं. यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि ध्यान और कर्म ही जीवन की सच्ची दिशा हैं. गुरु ही प्रकाश हैं और वह मार्ग वही है, जो हमारे भीतर से निकलता है.”
पीएम मोदी ने बेंगलुरु का जिक्र करते हुए कहा, “मैं ‘नवकार महामंत्र’ की आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने भीतर अनुभव कर रहा हूं. कुछ वर्ष पूर्व मैं बेंगलुरु में ऐसे ही एक सामूहिक मंत्रोच्चार का साक्षी बना था, आज वही अनुभूति हुई और उतनी ही गहराई में हुई.”
जैन धर्म खुद को जीतने की प्रेरणा देता है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नवकार महामंत्र कहता है कि स्वयं पर विश्वास करो, स्वयं की यात्रा शुरू करो, दुश्मन बाहर नहीं है, दुश्मन भीतर है. नकारात्मक सोच, अविश्वास, वैमनस्य, स्वार्थ ही वे शत्रु हैं, जिन्हें जीतना ही असली विजय है. यही कारण है कि जैन धर्म हमें बाहरी दुनिया नहीं, बल्कि खुद को जीतने की प्रेरणा देता है.”
विकसित भारत यानी विकास भी, विरासत भी
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि जीवन के 9 तत्व हैं। ये 9 तत्व जीवन को पूर्णता की ओर ले जाते हैं. इसलिए हमारी संस्कृति में नव का विशेष महत्व है. नवकार महामंत्र का यह दर्शन विकसित भारत के विजन से जुड़ता है. मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत यानी विकास भी, विरासत भी. एक ऐसा भारत जो रुकेगा नहीं, ऐसा भारत जो थमेगा नहीं. जो ऊंचाई छुएगा, लेकिन अपनी जड़ों से नहीं कटेगा.
हम अपने तीर्थंकरों की शिक्षाओं को सहेजते हैं
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत अपनी संस्कृति पर करेगा. इसलिए हम अपने तीर्थंकरों की शिक्षाओं को सहेजते हैं. जब भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव का समय आया तो हमने देश भर में उसे मनाया. आज जब प्राचीन मूर्तियां विदेश से वापस आती हैं, तो उनमें हमारे तीर्थंकर की प्रतिमाएं भी लौटती हैं. आपको जानकर गर्व होगा कि बीते वर्षों में 20 से ज्यादा तीर्थंकरों की मूर्तियां विदेश से वापस आई हैं.”