Treएक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध को लेकर चिंता व्यक्त की है. बता दें कि इससे पहले भी पीएम मोदी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. पीएम मोदी ने 01 नवंबर को ओडिशा के भुवनेश्वर में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस/इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के 59वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, साइबर अपराध, डिजिटल अरेस्ट और डीपफेक जैसे अपराधों का सामाजिक व पारिवारिक जीवन पर गंभीर असर पड़ेगा.
आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध पर भी हुई चर्चा
पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने पुलिस के कामकाज में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने और पुलिस कॉन्सटेबल पर काम का बोझ कम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा, पुलिस थाने संसाधनों के आवंटन का केंद्र बिंदु होने चाहिए. जानकारी के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश, म्यांमार सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओं, शहरी पुलिसिंग और सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा हुई. साथ ही आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा व नार्को-तस्करी समेत राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों पर भी गहन विचार विमर्श हुआ.
पीएम मोदी ने तकनीक की चुनौतियों को अवसरों में बदलने का किया आह्वान
पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी और एआई तकनीक से पैदा हुए खतरों के प्रति भी आगाह किया और कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल करते हुए चुनौतियों को अवसर में बदलने का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था में उठाए गए कदमों की सराहना की और साथ ही सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को 100 शहरों में एकसाथ लागू किया जाना चाहिए. इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्मार्ट पुलिस व्यवस्था बनाने पर जोर दिया और पुलिस से रणनीतिक, सावधानीपूर्वक, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया.