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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
PM Modi on Gujarat Violence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 16 मार्च को प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में गोधरा कांड और गुजरात दंगों को लेकर कई अहम बातों का खुलासा किया. उन्होंने गोधरा ट्रेन जलाने की घटना को “अपार Magnitude की त्रासदी” बताया और इसके बाद हुई हिंसा के बारे में अपनी सोच साझा की. पीएम मोदी ने गोधरा कांड पर कहा, “27 फरवरी 2002 को हम बजट सत्र के लिए विधानसभा में बैठे हुए थे. उसी दिन, जब मैं महज तीन दिन पहले ही राज्यसभा का प्रतिनिधि बना था, अचानक गोधरा कांड की भयावह घटना घटी. यह एक असहनीय त्रासदी थी. लोग जलकर मर गए. यह निश्चित रूप से सभी के लिए एक भयंकर घटना थी. सभी लोग शांति चाहते हैं.”
पीएम मोदी ने गुजरात में हुए दंगों के इतिहास पर बात की और 2002 के गुजरात दंगों को सबसे बड़े दंगे बताने वाली धारणा को गलत करार दिया. उन्होंने बताया कि इससे पहले गुजरात में मामूली मुद्दों पर भी दंगे होते रहे थे. उन्होंने कहा, “2002 से पहले गुजरात में 250 से अधिक बड़े दंगे हो चुके थे. 1969 के दंगे लगभग छह महीने तक चले थे. इन दंगों का कारण अक्सर छोटे-छोटे विवाद होते थे, जैसे पतंग उड़ाने का विवाद या बाइक की मामूली टक्कर.” पीएम ने कहा, “इसलिए यह धारणा कि 2002 के दंगे सबसे बड़े थे, गलत है. 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे थे. सड़कों पर कर्फ्यू लगते रहते थे.”
पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि गोधरा कांड के बाद कुछ लोग हिंसा की ओर बढ़े थे. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए थे, उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद, न्यायपालिका ने स्थिति की पूरी तरह से जांच करने के बाद उन्हें निर्दोष पाया. उन्होंने कहा, “उस समय हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी केंद्र में सत्ता में थे और उनकी कोशिश थी कि हम पर लगे आरोपों को साबित किया जाए. हालांकि, न्यायपालिका ने पूरी तरह से मामले की जांच की और हमें निर्दोष पाया. जो लोग जिम्मेदार थे, उन्हें न्यायालय ने सजा दिलाई.”
पीएम मोदी ने बताया कि 2002 के बाद से गुजरात में कोई “बड़ा दंगा” नहीं हुआ. उन्होंने राज्य की शांति का श्रेय अपनी सरकार की विकास नीति और सभी समुदायों के बीच विश्वास को दिया. उन्होंने कहा, “गुजरात में जहां पहले हर साल दंगे होते थे, वहीं 2002 के बाद 22 सालों में एक भी बड़ा दंगा नहीं हुआ. गुजरात पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है. हमारा मंत्र रहा है, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास.’ उन्होंने आगे कहा, “हमने सियासी रुख को बदलते हुए सामूहिक विकास की नीति अपनाई है. यही कारण है कि आज गुजरात सक्रिय रूप से एक विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है.”