PM Modi Blog: शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट डाला है. प्रधानमंत्री ने एक्स पर दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए उनके बारे में एक पूरा ब्लॉग लिखा है. उन्होंने लिखा, ‘रतन टाटा जी को अंतिम विदाई दिए हुए करीब एक महीना बीत चुका है. भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा और यह सभी देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘रतन टाटा जी के निधन को एक महीना हो रहा है. पिछले महीने आज के ही दिन जब मुझे उनके गुजरने की खबर मिली, तो मैं उस समय आसियान समिट के लिए निकलने की तैयारी कर रहा था. रतन टाटा जी के हमसे दूर चले जाने की वेदना अब भी हमारे मन में है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के रूप में भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है…एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.
Its been a month since we bid farewell to Shri Ratan Tata Ji. His contribution to Indian industry will forever continue to inspire. Here’s an OpEd I wrote which pays tribute to his extraordinary life and work. https://t.co/lt7RwVZEqe
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2024
दूसरों के सपनों को करते थे पूरा
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में आगे लिखा कि उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप पूरे विश्व में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा. इसके बाद भी उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया. दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करना, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये श्री रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था.’
बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट लाए
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा कि ‘रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट…बेहतरीन क्वालिटी की सेवा पर जोर दिया. साथ ही भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया. आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं. श्री टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है.’
गुजरात में साथ मिलकर किया काम
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर इन्वेस्ट किया गया. इनमें कई ऐसे प्रॉजेक्ट्स भी शामिल थे, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे. जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे. स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था. वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे.’
कैंसर के खिलाफ लड़ाई
प्रधानमंत्री ने आगे लिख कि ‘कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के पास था. मुझे दो साल पहले असम का वो कार्यक्रम याद आता है, जहां हमने संयुक्त रूप से राज्य में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था. अभी कुछ सप्ताह पहले, मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति श्री पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया. इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे. इस पर श्री रतन टाटा ने ही काम शुरू किया था. उद्घाटन के समय मुझे श्री रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई.’
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