DGP सम्मेलन में PM मोदी का संबोधन आज, बोले अमित शाह- साइबर अपराध की चुनौतियों से निबटने के लिए सरकार बना रही रणनीति

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
30 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक ओडिशा के भुवनेश्वर में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक अखिल भारतीय सम्मेलन 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संबोधित करेंगे। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

साइबर अपराध की चुनौतियों से निबटने के लिए सरकार बना रही रणनीति- अमित शाह

अमित शाह ने कहा, साइबर अपराध की चुनौतियों से निबटने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। वर्तमान समय में सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाना आवश्यक है, ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा चुनौती का सामना किया जा सके। अमित शाह ने सम्मेलन में अपने संबोधन में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की। पुलिस अधिकारियों से अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, देश की सुरक्षा और पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने के लिए सभी राज्यों में एकजुट प्रयास किए जाने चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति में हुए सुधार पर संतोष प्रकट किया। भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पहले दंड-केंद्रित थी, लेकिन अब तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से वह न्याय केंद्रित हो गई है। इन नए कानूनों की मूल भावना भारतीय परंपरा से प्रेरित है।
इस दौरान गृह मंत्री ने 13 वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया। साथ ही देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों को भी ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया। इन थानों में तेलंगाना का राजेंद्र नगर, ओडिशा के गंजाम जिले का पट्टापुर और झारखंड के गिरिडीह जिले का निमियाघाट थाना शामिल है।

जीरो टालरेंस रणनीति तथा जीरो टालरेंस एक्शन की दिशा में पहल का आह्वान

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, वर्ष 2047 तक भारत को संपूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने तथा 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सुरक्षा संस्थानों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। देश की पूर्वी सीमाओं पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आप्रवासन और शहरी पुलिसिंग के ट्रेंड्स जैसे विषयों पर हमारा फोकस होना चाहिए। इस दौरान जीरो टालरेंस पालिसी के क्रियान्वयन के लिए जीरो टालरेंस रणनीति तथा जीरो टालरेंस एक्शन की दिशा में पहल करने का आह्वान किया।

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