Politics: केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है. भाजपा के ‘संविधान गौरव अभियान’ में उन्होंने बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं है. नड्डा ने कहा कि राहुल को पता ही नहीं है कि उनके पिता, दादी, परदादा ने संविधान के साथ कैसे छेड़छाड़ की थी. नड्डा के इस बयान राहुल गांधी के उस बयान पर पलटवार के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने इस देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है. अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं.
भाजपा के ‘संविधान गौरव अभियान’ में बोलते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने 65 वर्षों तक देश पर शासन किया और उसके नेताओं ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की. इतना ही नहीं संविधान के बुनियादी प्रावधानों को भी नष्ट करने की कोशिश की.
नड्डा ने नरेंद्र मोदी सरकार, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी में “भारतीय राज्य” शब्द का इस्तेमाल करने के लिए गांधी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि आज हमारे कांग्रेस नेता कहते हैं कि ”भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ रहे हैं.” उन्हें इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है, न ही उनका इससे कोई लेना-देना है.
नड्डा ने कहा कि भारत अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए तैयार है. ऐसे में हमें याद रखना चाहिए कि किसने संविधान के साथ छेड़छाड़ की, और इसके बुनियादी प्रावधानों को नष्ट करने की कोशिश की, साथ ही किसने संविधान की रक्षा की और किसने बाबा साहेब के विचारों की रक्षा और उजागर करने का काम किया.
उन्होंने बिना राहुल गांधी का नाम लिए कहा कि नागरिकों को उन पाखंडी लोगों से सचेत और सावधान रहना चाहिए, जो संविधान के अंदर क्या है, उसे जाने या पढ़े बिना इसकी प्रति लेकर घूमते रहते हैं.
नड्डा ने कहा कि राहुल को नहीं पता कि उनके पिता (राजीव गांधी), परदादा (जवाहरलाल नेहरू) और दादी (इंदिरा गांधी) क्या करते थे. उन्हें ये बातें पता होनी चाहिए. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि भले ही संविधान खराब हो, फिर भी अच्छा किया जा सकता है अगर इसे लागू करने वालों की मंशा सही हो. नड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की मंशा ठीक नहीं थी. वहीं भाजपा नेताओं ने अच्छी मंशा के साथ काम किया. उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने, ‘एक देश एक कर’ लागू किया. अब समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
अपने संबोधन में जेपी नड्डा ने यह भी कहा कि जब 1949 में संविधान को अपनाया जा रहा था, तो डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर इसे लागू करने वाला बुरा है, तो यह विफल हो जाएगा. अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को आंबेडकर के विरोध के बावजूद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लागू किया गया था. इन प्रावधानों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को संविधान में निहित बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया.