UAE ‘अहलान मोदी’ कहकर PM का करेगा स्वागत, 14 फरवरी को UAE में हिन्दू मंदिर का होगा उद्घाटन

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Hindu Temple in UAE: अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं. करीब 500 साल बाद अयोध्या नगरी में रामलला भव्य मंदिर में विराजित हुए हैं. अब एक और मुस्लिम देश में भी भव्य और दिव्य हिंदू मंदिर तैयार हो गया है. बता दें कि इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर जाएंगे. यहां वह एक विशाल भारतीय समुदाय की सभा को संबोधित करेंगे और एक बड़े हिंदू मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. भारतीय मिशन के अधिकारी इसको लेकर तैयारियों में जुटे हुए हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम अहलान मोदी (हैलो मोदी) को संबोधित करेंगे. उसके बाद 14 फरवरी को यूएई की राजधानी में BAPS में हिंदू मंदिर में समापन समारोह में शामिल होंगे. बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की प्रेस रिलीज में कहा गया है, “धार्मिक परिसर का निर्माण पूरा होने के करीब है. परम पावन महंत स्वामी महाराज और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी 2024 को मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं.”

अभी तक नहीं हुई आधिकारिक घोषणा

हालांकि, पीएम मोदी की यूएई यात्रा की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं अहलान मोदी कार्यक्रम के बारे में यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा, उन्हें उम्मीद है कि स्वागत समारोह स्थल पर हजारों की संख्या में लोग जुटेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 सितंबर, 2019 को टेक्सास के ह्यूस्टन में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ‘हाउडी, मोदी!’ सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया था.

राजस्थान और गुजरात के कारीगरों ने तैयार किया मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई में जिस मंदिर का उद्घाटन करेंगे, उसे तीन साल के दौरान राजस्थान और गुजरात के दो हजार से ज्यादा कारीगरों ने तैयार किया है. UAE में भारतीय राजदूत सुधीर ने कहा, “हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण विकासों में से एक अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का निर्माण है.” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 फरवरी को मंदिर के उद्घाटन की उम्मीद है. अबू धाबी के बाहरी इलाके में एक पहाड़ी की चोटी पर बना मंदिर हमारे पूर्वजों महात्मा गांधी और शेख जायद की आकांक्षा के अनुसार शांति और सहिष्णुता की स्थायी परंपरा का प्रमाण होगा.”

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