प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2025 के लिए शुरू हुआ नामाकंन, जानिए क्या है इसका मकसद और कितनी मिलती है धनराशि

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Prime Minister Yoga Award 2025: योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों तथा संगठनों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2025 के आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 31 मार्च तक जारी रहेगा. यह पुरस्‍कार उन लोगों को दिया जाएगा जो योग के प्रचार-प्रसार और इसके विकास में महत्वपूर्ण और लगातार योगदान दिया है, चाहे वह राष्ट्रीय स्तर पर हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर.

बता दें कि यह पुरस्‍कार योग के प्रति समर्पण और इसके वैश्विक प्रसार में योगदान करने वालों को मान्यता प्रदान करता है. इसी बीच माई गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा कि “योग की परिवर्तनकारी शक्ति का जश्न मनाएं. पीएम योग पुरस्कार 2025 योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करता है. माई गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पर योग्य उम्मीदवार आवेदन करें.”

मिलता है ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और 25 लाख रुपये

आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, ये पुरस्कार राष्ट्रीय व्यक्ति, राष्ट्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय व्यक्ति और अंतर्राष्ट्रीय संगठन श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे, जिसके तहत प्रत्येक विजेता को ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और 25 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

इस पुरस्‍कार के लिए कौन कर सकता है आवेदन  

इस पुरस्‍कार के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु 40 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और योग के प्रचार में कम से कम 20 वर्षों का समर्पित अनुभव होना चाहिए. वहीं, आवेदन और नामांकन MyGov प्लेटफॉर्म (https://innovateindia.mygov.in/pm-yoga-awards-2025/) के जरिए 31 मार्च, 2025 तक या उससे पहले जमा किए जा सकते हैं.

यह लिंक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट और इसके स्वायत्त निकायों की वेबसाइटों पर भी उपलब्ध हैं. संस्थाएं सीधे आवेदन कर सकती हैं या किसी प्रमुख योग संगठन द्वारा नामांकित हो सकती हैं. प्रत्येक आवेदक/नामांकित व्यक्ति प्रति वर्ष केवल एक श्रेणी (राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय) के लिए आवेदन कर सकता है.

क्‍या है इस पुरस्‍कार का मकसद?

प्रधानमंत्री योग पुरस्कार का उद्देश्य उन योगदानों को सराहना है जो योग को वैश्विक स्तर पर एक समृद्ध और प्रभावशाली जीवनशैली के रूप में स्थापित करने में सहायक रहे हैं. साथ ही यह पुरस्‍कार उन लोगों को भी प्रोत्साहित करेगा जो योग के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं.

शांति की दिशा में योग दिखाता है नया रास्‍ता

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह पुरस्कार योग के प्रति समर्पण और इसके जरिए शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किए गए अथक प्रयासों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. योग न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में लोगों को स्वास्थ्य और शांति की दिशा में एक नया रास्ता दिखा रहा है.

2014 में मिली थी मान्‍यता

दरअसल, योग की सार्वभौमिक अपील को मान्यता देते हुए 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव (संकल्प 69/131) पारित किया, जिसमें 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया. बता दें कि इस प्रस्ताव का मकसद दुनियाभर में योग के लाभों को फैलाना और इसकी प्राचीन परंपरा को संजीवनी शक्ति के रूप में सम्मानित करना था.

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