Priyanka Chaturvedi Statement: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो मासूम चार साल की बच्चियों के साथ स्कूल में यौन शोषण की घटना सामने आई है. जिसके बाद से हर जगह हंगामा हो रहा है. हर कोई गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है. इस घटना पर शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी ‘शक्ति कानून’ को लागू करने में देरी के लिए महाराष्ट्र सरकार को घेरा.
बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी- ‘हम महिलाओं के इंसाफ की बात करते हैं, लेकिन…’
प्रियंका चतुर्वेदी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “एक बेटी की मां होने के नाते मैं पीड़ित परिवार की दर्द और पीड़ा समझ पा रही हूं. यह बहुत ही दुखदायी है. हम महिलाओं के इंसाफ की बात करते हैं, लेकिन आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया है. चाहे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल या दिल्ली हो- कहीं भी महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है. कहा जाता है कि यदि बच्चे घर के बाहर कहीं सुरक्षित रहते हैं, तो वह स्कूल है. लेकिन ये चार साल की बच्चियां जब स्कूल गईं, तो वहीं पर उनके साथ यह अपराध होता है.
राज्य सरकार तब तक अपना मुंह नहीं खोलती है, जब तक जनता आक्रोशित होकर सड़कों पर नहीं उतरती है. प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी थी कि बाला साहब ठाकरे के समय महिलाओं के खिलाफ अभद्रता करने वालों के खिलाफ एक सख्त कानून ‘शक्ति’ पास हुआ था. महाराष्ट्र की बेटियों से हमारी सरकार का वादा था कि ऐसे मामलों की जांच 15 दिन के अंदर पूरी होगी और 30 दिन के अंदर ट्रायल शुरू हो जाएगा. लेकिन वह कानून अभी तक पास नहीं हो पाया.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “2022 में हमारी सरकार गिराने के बाद देवेंद्र फडणवीस गृह मंत्री बने और उन्होंने वादा किया था कि यह कानून जल्द पास होगा. लेकिन 2024 आ गया है, अब तक कानून नहीं बना.” उन्होंने कहा कि महिलाएं इतनी ज्यादा आक्रोशित हैं कि वे कहती हैं, “मुझे लाडली बहन योजना नहीं चाहिए, 1500 रुपये नहीं चाहिए. हमें बेटियों के लिए इंसाफ चाहिए. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “अब यह सवाल उठता है कि कब तक आप महिलाओं को सिर्फ वोट का साधन बनाएंगे, लेकिन जब सुरक्षा की बात आती है, तो चुप्पी साध लेते हैं.