ISRO, PSLV-C37 Rocket: सात साल पहले एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करने वाला इसरो का रॉकेट अब धरती पर वापस लौटा है. यह 6 अक्टूबर 2024 को अटलांटिक महासागर में गिरा. बता दें कि 15 फरवरी 2017 में इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पहली बार 104 सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च किए थे. लॉन्चिंग PSLV-C37 रॉकेट से की गई थी. तब से PSLV-C37 रॉकेट का ऊपरी भाग यानी पीएस4 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में तय ऑर्बिट में छोड़ने के बाद चक्कर लगा रहा था.
धीरे-धीरे आ रहा था नीचे
इसको USSPACECOM लगातार ट्रैक कर रही थी. यह हिस्सा धरती के चारों ओर 470X494 किलोमीटर आकार वाली लगभग अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा था. धरती की ग्रैविटी के वजह से धीरे-धीरे नीचे आ रहा था. इसके नीचे आने का साल-दर-साल का ग्राफ यहां देखा जा सकता है.
बीते रविवार यानी 6 अक्टूबर 2024 को यह हिस्सा आखिरकार धरती पर लौटा. वायुमंडल को पार करते हुए सीधे उत्तरी अटलांटिक महासागर में गिर गया. इसरो का सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस मैनेजमेंट सितंबर से इसे लगातार ट्रैक कर रहा था, ताकि इसके गिरते वक्त होने वाले नुकसानों से लोगों और दुनिया को बचाया जा सके.
कौन-कौन से सैटलाइट लॉन्च किए थे इस रॉकेट ने?
PSLV-C37 मिशन में कुल मिलाकर 104 सैटेलाइट्स प्रक्षेपित किए गए थे. पहला था कार्टोसैट-2डी. यह अघोषित रूप से इंडियन मिलिट्री के काम आता है. कहा जाता है कि सर्जिकल और एयरस्ट्राइक में इसकी मदद ली गई थी. इसके साथ ही लद्दाख में चीनी घुसपैठ के समय इसे चीन के ऊपर तैनात किया गया था. कार्टेसैट सीरीज के सैटेलाइट्स आमतौर पर कार्टोग्राफी यानी नक्शा बनाने के काम आते हैं. लेकिन इनसे जासूसी, निगरानी आदि भी की जा सकती है. इसके अलावा 103 और सैटेलाइट्स गए थे. इनमें INS-1A, INS-1B, AL-Farabi 1, BGUSAT, DIDO-2, Nayif-1, PEASS, 88 Flock-3p Satallies और 9 Lemur-2 सैटेलाइट्स शामिल हैं.
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