Qatar-India: कथित ‘जासूसी’ के आरोप में मौत की सजा पाने वाले आठ भारतीय नौसेना के दिग्गज में से सात ने बीती रात भारत में कदम रखा. अपने देश वापस लौटने के साथ ही उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया ,जिनकी हस्तक्षेप के बग़ैर उनका रिहा होना नामुमकिन था. नई दिल्ली से निरंतर राजनयिक हस्तक्षेप और कानूनी सहायता के बाद उनकी मौत की सजा को कम कर दिया गया था. अंततः मुक्त होकर राहत महसूस कर रहे सात पूर्व नौसेना अधिकारियों ने सोमवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए.
रिहा हुए नौसेना के अधिकारीयों ने प्रधानमंत्री का व्यक्त किया आभार
राहत भरी मुस्कान और शांत भाव के साथ रिहा हुए एक अन्य पूर्व नौसेना अधिकारी ने बताया “पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना, हम स्वतंत्र नहीं होते. अगर उनके अथक प्रयास नहीं होते तो हम आज आपके सामने खड़े नहीं होते.” एक अन्य नौसेना अधिकारी ने भी बताया कि “हम वापस आकर बहुत खुश हैं और यह संभव नहीं होता अगर माननीय प्रधान मंत्री ने मामले में व्यक्तिगत रुचि नहीं ली होती. मैं कतर के अमीर को भी इस मामले में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी के लिए धन्यवाद देता हूं.”
“हमने भारत में अपने प्रियजनों के पास वापस आने के लिए लगभग 18 महीने इंतजार किया. हमें वापस लाने के लिए हम पीएम मोदी के बेहद आभारी हैं. हमने पीएम मोदी और कतर के अमीर के संयुक्त प्रयासों के बिना यह दिन नहीं देखा होता. दोनों नेताओं द्वारा साझा किए गए व्यक्तिगत समीकरणों ने भी हमारी रिहाई में मदद की, “एक अन्य नौसेना के दिग्गज ने दिल्ली में उतरने के बाद एएनआई को बताया.
क्या था पूरा मामला?
आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से क़तर में कैद थे और उन पर पनडुप्पी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा, इससे पहले, कतरी अदालत ने डहरा ग्लोबल मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों की मौत की सजा को कम कर दिया था. सज़ा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है.
विदेश मंत्रालय ने दी थी सूचना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया “हमने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें हमने आपको सूचित किया कि मौत की सजा, जो मूल रूप से मौत की सजा थी, को कारावास की सजा में बदल दिया गया है. अब हमारी कानूनी टीम के पास अदालत का आदेश है, और मैं पुष्टि कर सकता हूं कि उन सभी को सजा मिल गई है अलग-अलग अवधि की, और मृत्युदंड को समाप्त कर दिया गया है.
दुबई में आयोजित COP-28 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के बीच कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय को लेकर चर्चा हुई और माना जा रहा है कि इस बातचीत के दौरान नौसैनिकों का जिक्र हुआ होगा . जिसके चार सप्ताह के अंदर मौत की सजा को कम करने की घोषणा हो गयी थी.
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