Rajasthan Anti Conversion Bill: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने धर्म परिवर्तन और लव जिहाद जैसे मुद्दों को लेकर सख्त रुख अपनाया है. सोमवार 3 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश किया गया है. राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 में अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने के मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कड़ी सजा का प्रावधान है.
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को पेश किया है. इस विधेयक को बजट सत्र में ही बहस के बाद पारित करवाया जाएगा. बिल के पारित होने की तिथि बाद में तय की जाएगी.
लव जिहाद को लेकर ये कानून
इस बिल में लव जिहाद के खिलाफ भी सख्त प्रावधान हैं. विधेयक में लव जिहाद को परिभाषित किया है. अगर कोई धर्म बदलवाने के लिए विवाह करता है, वह लव जिहाद माना जाएगा. अगर यह साबित होता है कि शादी करने के पीछे की वजह लव जिहाद है तो ऐसी शादी को रद्द करने का प्रावधान होगा. अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से शादी करता है. परिवार अदालत ऐसी शादी को अमान्य घोषित कर सकता है. बिल में धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल की कैद और 50 हजार रूपये तक के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है.
60 दिन पहले धर्म परिवर्तन की सूचना
अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना होगा. इस दौरान इस बात की जांच की जाएगी कि किसी व्यक्ति को छल या बलपूर्वक, या कोई लालच देकर धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर सजा दी जाएगी. बता दें 16 साल पहले भी वसुंधरा राजे सरकार के समय भी इसी तरह का विधेयक लाया गया था, हालांकि केंद्र में अटकने से बिल कानून नही बन सका था.
धर्म परिवर्तन में मददगारों को भी सजा
अवैध तौर पर धर्म परिवर्तन में मदद करने वालों को भी सजा के लिहाज से दोषी माना जाएगा. बिल विधानसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर ही कानून बनेगा. मालूम हो कि धर्मांतरण एक सेंसटिव मुद्दा है, जो अक्सर चर्चा में भी रहता है और सियासी गलियारों में भी इस मुद्दे की खूब चर्चा की जाती है.
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