‘राम जितने आपके उतने ही हमारे…’, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बोले फारूक अब्दुल्ला, जानिए

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Farooq Abdullah on Ram Mandir: देश भर की निगाहें अयोध्या पर हैं. अयोध्या को लेकर देश भर में सियासत भी तेज हो गई है. राजनीतिक दिग्गजों द्वारा लगातार राम मंदिर और अयोध्या को लेकर बयानबाजी का दौर चल रहा है. इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत की समाप्ति की मार्ग प्रशस्त होगा. इतना ही नहीं फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह हमेशा अपने दिल से भगवान राम की प्रशंसा करते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर के कपाट खुलने से लोगों के दिलों के दरवाजे भी खुलेंगे और मुस्लिमों के खिलाफ नफरत समाप्त होगी.

मेरे भी राम उतने ही हैं जितने आपके

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह भगवान राम को लेकर अपनी टिप्पणी पर आलोचना या वोट नहीं मिलने से नहीं डरते. उन्होंने आगे कहा कि राम जितने आपके हैं उतने ही मेरे भी हैं. मैंने एक पाकिस्तानी विद्वान द्वारा कुरान का अनुवाद पढ़ा है और उन्होंने राम के बारे में भी बात की और कहा कि वह (राम) चाहते थे कि सभी लोग भाईचारे और प्रेम के साथ आगे बढ़ें.

अब्दुल्लाह ने कहा कि महात्मा गांधी अक्सर कहा करते थे कि वह भारत को राम ‘राज्य’ बनाना चाहते हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. मैंने वर्षों से विभिन्न मंदिरों में अपने दिल से राम के ‘भजन’ गाए हैं और मैं किसी की आलोचना या वोट बैंक खोने से नहीं डरता क्योंकि मैं जानता हूं कि अगर हमें भारत और राज्य (जम्मू-कश्मीर) को बचाना है तो हमें यह करना होगा. आगे बढ़ने के लिए हमें हाथ मिलाना होगा.

लोग मंदिर के नाम पर मांगते है वोट

बीजेपी का नाम लिए बिना ही नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव पास आ रहे हैं और कुछ लोग आएंगे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए राम मंदिर के नाम पर वोट मांगेगे. वह वे लोग हैं, जो लोगों को धर्म, जाति और मजहब के नाम पर बांटते हैं और नफरत फैला रहे हैं.

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