Ram Mandir: राम मंदिर राजनीति नहीं आस्था का विषय, बीजेपी पर भड़के संजय राउत

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sanjay Raut On Ram Mandir: देश भर में राममंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. जहां एक ओर जोरों से तैयारियां चल रही है, तो दूसरी ओर राममंदिर पर राजनीति भी तेज है. इस दौरान शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने राम मंदिर को लेकर बीजेपी द्वारा पूछे गए एक सवाल को लेकर विफर गए. उन्होंने तल्क लहजे में कहा कि राम मंदिर किसी के बाप का है क्या? राम मंदिर के वे मालिक हैं क्या? राम सबसे बड़े हैं, राम से बड़ा कोई नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम हमारी आस्था का विषय हैं, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

2014 से पहले से हुई थी राम मंदिर के लिए लड़ाई

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि अयोध्या की लड़ाई 2014 से पहले हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मंदिर के संघर्ष में शामिल नहीं थे, उन्हें क्या पता कि बाल ठाकरे का क्या योगदान था. बीजेपी पर हमला करते हुए राउत ने कहा कि इस देश के लिए भाजपा अपशगुन है. उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर, मणिपुर में क्या हो रहा है? ईवीएम है इसलिए बीजेपी है.

राम मंदिर राजनीति का विषय नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संजय राउत ने राम मंदिर को लेकर कहा, “राम मंदिर राजनीति का विषय नहीं है, यह हमारी अस्मिता और आस्था का विषय है. राम मंदिर के निर्माण में पूरे देश का योगदान है. हजारों कारसेवक शहीद हुए और हजारों कारसेवको को फेंका दिया गया था. हमने देखा है.” वहीं, उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका भारत 2014 के बाद बना है. उन लोगों को इतिहास मालूम नहीं है कि अयोध्या की लड़ाई 2014 के पहले हुई है. जो लोग ना देश के स्वतंत्रता संग्राम में रहे है ना किसी आंदोलन और संघर्ष में रहे हैं तो उन्हें राम मंदिर का संघर्ष क्या पता? उसमें बालासाहेब ठाकरे जी का क्या योगदान रहा.

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