Ram Mandir News: रामनगरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में है. 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भक्तों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है. लोग अपने-अपने भाव से रामलला के प्रति भक्ति अनुराग को व्यक्त कर रहे हैं.
कुछ लोग भगवान राजाराम सरकार के लिए अनोखे तोहफे भेज रहे हैं, तो कुछ लोग रामलला पर गाना गाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. जिसकी तारीफ खुद पीएम मोदी ने भी की है. वहीं, इस बीच अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी की अनोखी भक्ति देखने को मिली है. बता दें कि अल्ट्रा रनर कार्तिक ने इन्दौर से अयोध्या तक 1008 किलोमीटर की यात्रा 14 दिनों में दौड़कर करने का फैसला लिया है. इनकी भक्ति की हर कोई तारीफ कर रहा है.
22 जनवरी को पहुंचेंगे अयोध्या
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इंदौर के अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. एमपी के अलावा भारत के अन्य राज्य और विदेशों तक अपनी पहचान और छाप छोड़ने वाले कार्तिक जोशी आज अल्ट्रा रनर के तौर पर जाने जाते हैं और कई हजार किलोमीटर की यात्राएं दौड़कर पूरी कर चुके हैं. वहीं, अब 14 दिनों में 1008 किलोमीटर की दूरी तय कर रामलला के दर्शन का फैसला लिए हैं. बता दें कि कार्तिक जोशी शुक्रवार को इंदौर से अयोध्या के लिए रवाना हुए हैं. इनके साथ पिता और भाई दो वाहनों के साथ चल रहे हैं. इन वाहनों में आराम और खाने पीने की व्यवस्थाएं है. कार्तिक 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बनेंगे.
2019 में लिया था फैसला
अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी ने बताया “यह विचार मुझे 2019 में आया था. जब राम मंदिर को लेकर फैसला सुनाया गया था. इसी दौरान यह फैसला कर लिया था कि अपने पैशन को आगे रखते हुए उसी के माध्यम से रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोई विमान से जाता है, कोई ट्रेन से जाता है, कोई बस से जाता है, कोई साइकिल से जाता है और कोई पैदल जाता है. लेकिन मैं मेरे प्रोफेशन को आगे रखते हुए अल्ट्रा रनिंग करते हुए रामलला के दर्शन करने जाऊंगा. कार्तिक जोशी इंदौर से अयोध्या तक 14 दिनों तक दौड़ कर पहुंचेंगे.
आपको बता दें कि इंदौर से अयोध्या की दूरी 985 किलोमीटर है. लेकिन कार्तिक सनातनी अंक 1008 किलोमीटर का करते हुए, 14 दिनों में दौड़कर पूरा करेंगे. कार्तिक ने बताया कि भगवान राम ने 14 साल का वनवास भोगा था, इसलिए 14 दिन में दूरी तय करूंगा.
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