Ram mandir: राम मंदिर में रामलला हुए विराजमान, जानिए किसने रखा था प्रभु का नाम?

Ujjwal Kumar Rai
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Chief Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ram Mandir Pran Pratishtha: रामनगरी अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में आज रामलला की मूर्ति विराजमान हो गई है. देश में हर तरफ भगवान राम के नारे लग रहे हैं. रामायण की मानें, तो भगवान शिव ने कहा था कि अगर 3 बार राम नाम कहा जाए, तो हजारों देवताओं का स्मरण करने के बराबर माना जाता है. अब सवाल ये है कि प्रभु का नाम राम का नामकरण किसने किया?

धार्मिक कथाओं की मानें, तो त्रेता युग में प्रभु राम जन्में थे. कहा जाता है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए एक महायज्ञ करवाया था. ये महायज्ञ मनस्वी, तपस्वी और विद्वान ऋषि-मुनियों ने संपन्न कराया था. इस यज्ञ में प्रसाद के तौर पर खीर चढ़ाई गई. राजा दशरथ ने उस खीर को तीनों रानियों को दिया था. खीर के सेवन के बाद चैत्र शुक्ल नवमी को तीनों रानियों माता कौशल्या, सुमित्रा कैकेयी ने 4 बेटों ने जन्म दिया.

जानिए किसने किया श्रीराम का नामकरण

माता कौशल्या ने नील वर्ण, तेजस्वी, परम कान्तिवान, अति सुंदर बालक को जन्म दिया. इसके बाद गुरु महर्षि वशिष्ठ ने उस मोहक बालक का नाम रामचंद्र रखा. गुरु वशिष्ठ के अनुसार राम शब्द 2 बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना है. इसलिए इसके उच्चारण मात्र से ही शरीर और आत्मा को दोनों को शक्ति मिलती है.

मर्यादा पुरुषोत्तम राम का इस नक्षत्र में हुआ था जन्म

आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था. जन्म के समय पुनर्वसु नक्षत्र था. उनके जन्म के समय सभी ग्रहों की स्थिति शुभ थी. इस दिन 5 ग्रह शुक्र, सूर्य, मंगल, बृहस्पति और शनि अपनी राशि उच्चत्तम स्तर पर विराजमान थे. माता कौशल्या के अलावा माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न और माता कैकेयी ने भरत को जन्म दिया था. राजा दशरथ के इन सभी चारों पुत्रों का नामकरण महर्षि वशिष्ठ ने किया था.

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