Ram Mandir Prana Pratitha: अयोध्या में स्थित राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरी दुनिया में उत्साह है. हर चौराहे पर राम मंदिर की चर्चा हो रही है. 500 साल के लंबे अंतराल के बाद भगवान राम मंदिर में विराजमान होंगे. मंदिर में प्रभु राम की मूर्ति को आसन कर दिया गया है. इस दौरान भगवान राम की मूर्ति की आंखों को ढका गया है. जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा कर लेंगे, उसके बाद उनके चेहरे पर लगी पट्टी हटा दी जाएगी. मंदिर में मूर्तिकार योगीराज द्वारा बनाई गई काली बाल रूपी राम की मूर्ति स्थापित की गई है. लेकिन मूर्ति की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. इससे भगवान राम के भक्तों की उत्सुकता और भी बढ़ गई है. आंखों पर पट्टी बांधने का क्या कारण है? यह प्रश्न कई भक्तों ने भी पूछा है. अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो जानिए इसके पीछे की वजह…
प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान की मूर्तियों में चेहरे पर परदा रखने की प्राचीन पंरपरा रही है. मंदिरों में मूरत की स्थापना के कई अनुष्ठान होते हैं. भगवान की प्रतिमा की स्थापना के बाद उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. जब प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो जाती है, तब तक मूरत का चेहरा परदे से ढक दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक, इसके कई धार्मिक कारण होते हैं. आंखों को भावनाओं के संचरण का जरिया माना जाता है. ऐसे में मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले अगर भक्ति भाव से भरा कोई भक्त भगवान की आंखों में देर तक देख ले भगवान प्रेम में वशीभुत होकर उनके साथ चले जाते हैं.
आंखों के जरिए बाहर निकलती है तेजस्वी शक्ति
अक्सर प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान की आंखों को कपड़े से ढककर रखा जाता है. शास्त्रों की मानें, तो प्राण प्रतिष्ठा के समय शक्ति स्वरूप प्रकाश पुंज भगवान की मूरत में प्रवेश करती है. यह तेजस्वी शक्ति आंखों के जरिए ही बाहर निकलती है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भगवान के नेत्र खोले जाते हैं, तो उनको आंखों से असीम शक्ति वाला तेज बाहर निकलता है. इसलिए प्रभु को दर्पण दिखाया जाता है.