Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कल यानी 22 जनवरी को की गई. प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी में भक्तों का आना शुरू हो गया है. आज यानी मंगलवार से राम लला अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. सोमवार को पीएम मोदी की यजमानी में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई. जो प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई है, उसको मैसूर के अरुण योगीराज की बनाई है.
2 मूर्तियों का हुआ था चयन
आपको बता दें कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए 3 मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. ऐसे में अंत समय में दो मूर्तियों का चयन राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया गया. इसमें से एक मूर्ति को तो स्थापित कर दिया गया. हालांकि आज हम आपको दिखा रहे हैं रामलला की वह प्रतिमा, जो चुनी नहीं गई, यानी अंतिम दो में होने के बावजूद मंदिर में स्थापित नहीं हो पाई.
इस मूर्ति को राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के रहने वाले सत्यनारायण पाण्डे ने बनाई है. वह कई पीढियों से मूर्तिकारी का काम कर रहे हैं. उन्होंने रामलला की प्रतिमा सफेद मकराना संगमरमर से बनाई. इस मूर्ति को भी मंदिर ट्रस्ट ने अपने पास रखा है. यह मूर्ति ट्रस्ट के पास ही रहेगी.
कल 500 साल पुराना सपना हुआ था साकार
आपको बता दें कि देशवासियों का 500 सालों के इंतजार का समापन कल हुआ. रामभक्तों की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. सदियों से चले आ रहे विवाद के बाद वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था. इसके बाद मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ था. वर्ष 2020 में पीएम मोदी नरेंद्र मोदी मंदिर का शिलान्यास किया था, और अब 22 जनवरी, 2024 को राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर 23 जनवरी से उसके कपाट आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं.
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