Delhi Liquor Scam: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरेस्ट हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को पत्नी के खराब स्वास्थ्य के आधार पर पांच दिन की हिरासत पैरोल दे दी है. आरोपी के अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी, जिसमें दावा किया गया था कि उसकी पत्नी को सर्जरी कराने की आवश्यकता है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया था कि आरोपी VRS पार्टी की MLC व तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का करीबी सहयोगी और शराब गिरोह का कथित सरगना है.
कौन हैं अरुण रामचंद्र पिल्लई?
बता दें, दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में आरोपी पिल्लई ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा है, जिसने कथित तौर पर ‘आप’ के नेताओं को 100 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ भेजी थी. ईडी के मुताबिक, पिल्लई दक्षिण स्थित शराब निर्माता समूह, इंडो स्पिरिट्स का प्रमुख व्यक्ति है. उन्हें कंपनी का 32.5 प्रतिशत हिस्सा दिया गया. वह हैदराबाद स्थित एक शराब व्यवसायी है, जिस पर मनी लॉन्ड्रिंग और दिल्ली में शराब लाइसेंस हासिल करने के लिए लोक सेवकों को अवैध संतुष्टि प्रदान करने का आरोप लगाया गया था.
अरुण रामचंद्र पिल्लई पर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, इंडो स्पिरिट्स ने कथित तौर पर कार्टेलाइजेशन के जरिए जो 68 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, उसमें से 29 करोड़ रुपये अरूण रामचंद्र पिल्लई के खातों में ट्रांसफर किए गए थे. जांच के दौरान ईडी ने पाया कि पिल्लई ने एक टीवी चैनल के मालिक को 4.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया और मामले में अरेस्ट किए गए अन्य आरोपियों में से एक अभिषेक बोइनपल्ली को 3.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
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