शहरों को आत्मनिर्भर बनाने और जल सुरक्षा देने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) 2.0 योजना के तहत परियोजनाओं के लिए 66,750 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता आवंटित की गई है. हाल ही यह जानकारी संसद को दी गई. एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू (Tokhan Sahu) ने राज्यसभा को बताया, इसमें से 63,976.77 करोड़ रुपये पहले ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत किए जा चुके हैं और अब तक 11,756.13 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्रीय हिस्से के 6,539.45 करोड़ रुपये के उपयोग की सूचना दी है. साहू ने कहा, कुल मिलाकर, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किया गया कुल व्यय 17,089 करोड़ रुपये है और 23,016.30 करोड़ रुपये के कार्य फिजिकली पूरे हो चुके हैं. अमृत 2.0 के लिए कुल इंडीकेटिव आउटले 2,99,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 5 वर्षों के लिए 76,760 करोड़ रुपये की कुल केंद्रीय सहायता शामिल है. अमृत 2.0 योजना 1 अक्टूबर, 2021 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज मैनेजमेंट की यूनिवर्सल कवरेज प्रदान करना है.
4,916 परियोजनाओं के दिए जा चुके हैं कॉन्ट्रैक्ट
इसके अलावा, इस योजना के दूसरे मिशन में जल निकायों का पुनरुद्धार, हरित स्थानों और पार्कों का विकास और जल के क्षेत्र में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए टेक्नोलॉजी सब-मिशन शामिल है. अमृत 2.0 पोर्टल पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 15 नवंबर, 2024 तक 1,15,872.91 करोड़ रुपये की 5,886 परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए गए हैं, जिनमें से 85,114.01 करोड़ रुपये की 4,916 परियोजनाओं के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिए जा चुके हैं.
तोखन साहू ने कहा कि बाकी परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं. इस योजना के तहत शुरू की गई परियोजनाएं लंबी अवधि की निर्माण अवधि वाली बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अमृत के तहत किए गए कार्यों के आकलन और निगरानी के लिए स्वतंत्र समीक्षा और निगरानी एजेंसियों (IRMA) का प्रावधान है. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा परियोजनाओं की प्रगति और निगरानी पर नजर रखने के लिए एक समर्पित अमृत 2.0 ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध है.