मुंबईः बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले हिंदुओं को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है. यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि उन्हें किसी तरह के अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. आरएसएस के प्रमुख ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आरएसएस मुख्यालय पर ध्वजारोहण के बाद यह बात कही.
उन्होंने कहा, “आने वाली पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करें. दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं, जो दूसरे देशों पर प्रभुत्व जताना चाहते हैं. हमें चौकस और सावधान रहना पड़ता है और उनसे अपनी रक्षा करनी होती है. स्थिति हर समय एक जैसी नहीं रहती है. कभी-कभी यह अच्छी होती है, जबकि कभी यह उतनी अच्छी नहीं होती है.” उन्होंने कहा कि यह उतार-चढ़ाव जारी रहेगा.
‘दूसरों की मदद करने की भारत में परंपरा’
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “अब हम स्थिति देख सकते हैं. पड़ोसी देश में काफी हिंसा हो रही है. वहां रहने वाले हिंदुओं को बेवजह हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.” उन्होंने कहा कि भारत में दूसरों की मदद करने की परंपरा रही है. हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की, भले ही वे हमारे साथ कैसा व्यवहार करें. इस स्थिति में हमें यह देखना होगा कि हमारा देश सुरक्षित रहे. साथ ही अन्य देशों की मदद भी करें.
‘कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर देखना होता है’
उन्होंने कहा कि लोगों को अस्थिरता और अराजकता के कारण किसी तरह की परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर देखना होता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है, जब समाज अपनी जिम्मेदारी को पूरा करता है और देश के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों पर कथित तौर पर हो रहे हमले
मालूम हो कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर कथित तौर पर हमले हो रहे हैं. बांग्लादेश के राष्ट्रीय हिंदू महागठबंधन ने दावा किया कि हसीना के पद से हटने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 जगहों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की टीम पिछले सप्ताह शेख हसीना के इस्तीफा से पहले और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच के लिए जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करेगी.