S.Jaishankar: हाल ही में भारत और मालदीव के रिश्तों में उथल-पुथल मची हुई है. मतभेद के बीच भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने युगांडा कंपाला में मालदीव के अपने समकक्ष मूसा ज़मीर से मुलाकात की है. एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मालदीव के विदेश मंत्री के साथ उनकी खुलकर बातचीत हुई. उन्होंने उनके साथ NAM पर चर्चा का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा, “आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री से मुलाकात हुई. भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई. NAM से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा हुई.”
मूसा ज़मीर ने भी बैठक के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और कहा कि NAM शिखर सम्मेलन के मौके पर डॉ. एस जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी. उन्होंने लिखा, “हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ #मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और SAARC और NAM के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया.” हम अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
Met Maldives FM @MoosaZameer today in Kampala.
A frank conversation on 🇮🇳-🇲🇻 ties. Also discussed NAM related issues. pic.twitter.com/P7ResFlCaK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 18, 2024
मामला क्या था?
दरार तब शुरू हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र ने लक्षद्वीप का दौरा किया और इसकी प्राकृतिक सुंदरता की सराहना करते हुए द्वीप की कुछ तस्वीरें साझा कीं, जो मालदीव के कुछ मंत्रियों को पसंद नहीं आया और उन्होंने प्रधान मंत्री पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं. लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के मोदी के प्रयास पर भी टिप्पिणियां की गयी. इसके जवाब में, भारत की मशहूर हस्तियों और लोगों ने लक्षद्वीप और अन्य घरेलू स्थलों में समुद्र तट पर्यटन को बढ़ावा देने के आह्वान का समर्थन किया. भारत द्वारा इस घटना को सामने लाने के बाद सरकार ने मंत्रियों द्वारा किए गए अपमानजनक निशानों से खुद को दूर कर लिया और इसे मंत्रियों के निजी विचार बताया और तीन मंत्रियों- मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद को निलंबित कर दिया.
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