सहाराश्री ने लखनऊ में बसा दी अलग दुनिया, शानो-शौकत से भरी रही है Subrata Roy की पूरी जिंदगी

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Subrata Roy Sahara Life Journey: सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन कल देर रात मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में हो गया. वे 75 साल के थे. उनके पार्थिव शरीर को आज लखनऊ लाया जाएगा. यहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को सहाराश्री के नाम से जाना जाता है. उनके निधन की खबर से उद्योग जगत में शोक की लहर है. सहाराश्री का जन्म बिहार के अररिया में 10 जून, 1948 को हुआ था. उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि है. उन्होंने होली चाइल्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद वे गोरखपुर आए जहां उन्होंने गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टिट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की.

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75 वर्ष की उम्र ली आखिरी सांस
सहाराश्री ने 75 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. सहारा इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया,”सुब्रत रॉय सहारा को मेटास्टैटिक स्‍ट्रोक, हाई ब्‍लड प्रेशर और डायब‍िटीज की समस्याएं थी. कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. वे 12 नवंबर से कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केडीएएच) में भर्ती थे”

कम उम्र में ही बन गए बिजनेस टायकून
बिहार में जन्मे सहाराश्री ने व्यापार की शुरुआत गोरखपुर से की थी. इसी के साथ सुब्रत रॉय 1976 में सहारा फाइनेंस से जुड़े और बाद में उन्‍होंने कंपनी की कमान अपने हाथों में ले ली. वर्ष 1990 में वो लखनऊ चले आए थे. यहां पर उन्होंने कंपनी का हेडक्‍वार्टर बनाया. इसी साल सहाराश्री ने 217 आत्मनिर्भर टाउनशिप को कवर करते हुए सहारा सिटी परियोजना शुरू की.

सहाराश्री का जन्म बिहार के अररिया में हुआ था. उनका पूरा जीवन शानो-शौकत से भरा था. उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपनी अलग दुनिया बसा ली थी. इस शहर को सहारा सिटी के नाम से जाना जाता है. इस सिटी में हेलिपैड, क्रिकेट स्टेडियम, मिनी-गोल्फ कोर्स, एक छोटा खेल परिसर जैसी व्यवस्थाएं हैं. इतना ही नहीं सहारा सिटी में 3,500 लोगों के बैठने की जगह वाला एक अत्यधिक आधुनिक ऑडिटोरियम साथ में 124 सीटों वाला मूवी थियेटर, एक एम्बुलेंस के साथ पांच बेड वाला एक स्वास्थ्य केंद्र, एक फायर स्टेशन और एक पेट्रोल पंप भी है.

एक ऐसा भी समय था जब सहारा ने 10 सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर किया था. राजधानी लखनऊ में होने वाले बड़े बड़े कार्यक्रमों की सुब्रत रॉय मेजबानी किया करते थे. यहां पर उनको पेज थ्री पार्टियों में बड़े क्रिकेटरों और बॉलीवुड हस्तियो के साथ देखा जाता था. सहाराश्री के कनेक्शन भारतीय नेताओं और विदेशी नेताओं से भी थे. मीडिया से लेकर रियल एस्टेट तक उनके व्यापार का विस्तार था. सहाराश्री के कंपनी का मुख्यालय उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में है. सहाराश्री के पास सहारा की फॉर्मूला वन रेसिंग टीम भी थी

सन् 2000 में लॉन्च की थी सहारा टीवी
आज से 23 साल पहले सहारा समूह ने सहारा टीवी लॉन्च की थी. इसे सहारा वन का नाम दिया गया था. आपको बता दें कि सहारा इंडिया में 9 करोड़ से अधिक निवेशक और जमाकर्ता हैं. ये भारत के लगभग 13 फीसदी परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं. वर्ष 2019 में सहाराश्री ने अन्य उन्नत संबद्ध सेवाओं के साथ अपना खुद का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ब्रांड ‘सहारा इवोल्स’ लॉन्च किया. सुब्रत रॉय के दो बेटे हैं जिनका नाम सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय है.

गोरखपुर से शुरू किया था व्यापार
वर्ष 1978 से सुब्रत रॉय ने गोरखपुर में अपने मित्र के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्किट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया था. एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ व्यापार की शुरुआत की थी. बिजनेस कुछ वर्षों में दो लाख करोड़ की वर्थ तक पहुंचा. इसके बाद सहाराश्री सुब्रत राय ने पैरा बैंकिंग की शुरुआत की. सुब्रत रॉय ने अपने मित्र के साथ ही मिलकर चिट फंड कंपनी शुरू की थी. ऐसा भी कहा जाता है कि उनकी स्कीम गांव गांव तक फैल गई थी.

एक ऐसा भी वक्त था कि 100 रुपए कमाने वाले भी उनके यहां 20 रुपए जमा कराते थे. लाखों की संख्या में लोग सहारा से जुड़ते गए. वर्ष 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी थी. इस दौरान सहारा ग्रुप ने रियल इस्टेट, एफएमसीजी, क्लोदिंग और एयरलाइंस जैसे कई सेक्टरों में निवेश किया.

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